लोकसभा में राहुल गांधी का हमला: “यूपी में संविधान नहीं, मनुस्मृति लागू है”
नई दिल्ली: लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने यूपी के हाथरस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि चार साल पहले एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म हुआ, लेकिन आज भी अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार कैद जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है। राहुल गांधी ने सवाल किया, “ये संविधान में कहां लिखा है? यूपी में संविधान नहीं, मनुस्मृति लागू है।”
मनुस्मृति पर राहुल का बयान
राहुल गांधी ने कहा, “संविधान में बाबा साहेब अंबेडकर, महात्मा गांधी और नेहरू के विचार हैं, जो शिव, बुद्ध, महावीर और कबीर जैसे महान विचारकों से प्रेरित हैं। लेकिन सावरकर ने मनुस्मृति को संविधान के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया था। आज आप संविधान की बात करते हैं, लेकिन अपने नेता सावरकर के विचारों का मजाक उड़ाते हैं।”
उन्होंने सावरकर की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि सावरकर ने संविधान की आलोचना करते हुए इसे ‘भारतीयता से विहीन’ बताया था और मनुस्मृति को स्थापित करने की बात कही थी। राहुल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “जब आप धारावी को अडानी को बेचते हैं या देश के संसाधनों का निजीकरण करते हैं, तो आप देश के गरीबों और वंचितों का ‘अंगूठा’ काट रहे हैं, जैसे द्रोणाचार्य ने एकलव्य का अंगूठा काटा था।”
जाति जनगणना और आरक्षण पर जोर
राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना को जरूरी बताते हुए कहा, “हम दिखाना चाहते हैं कि आपने किसके अंगूठे काटे हैं। 50% आरक्षण की सीमा की दीवार भी टूटेगी। संविधान के नाम पर चल रहे अन्याय को अब खत्म करना होगा।”
हाथरस कांड पर सवाल
हाथरस कांड को लेकर राहुल ने कहा, “चार साल बाद भी पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला, और अपराधी आज़ाद हैं। यह साफ दिखाता है कि संविधान को दरकिनार कर मनुस्मृति को लागू करने की कोशिश हो रही है।”
राहुल गांधी के इस बयान के बाद लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। भाजपा नेताओं ने इसे “संविधान की चर्चा को भटकाने वाला” बताया, जबकि विपक्ष ने राहुल के तर्कों का समर्थन किया।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के इस भाषण ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। विपक्ष ने इसे दलित, पिछड़ों और वंचितों के अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक बताया, जबकि भाजपा ने इसे बेबुनियाद आरोप करार दिया।
अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी के इस बयान का आगामी चुनावों पर क्या असर पड़ेगा।