विधायक बालमुकुंद आचार्य की गुंडागर्दी पर बवाल, मुस्लिम समुदाय में रोष
जयपुर के हवामहल क्षेत्र से विधायक बालमुकुंद आचार्य एक बार फिर विवादों में हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में उन्हें मुस्लिम बस्ती में जाकर स्थानीय लोगों से आधार कार्ड मांगते और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए देखा गया। इस घटना ने सियासी और सामाजिक माहौल को गरमा दिया है।
बांग्लादेशी कहकर किया अपमान
बालमुकुंद आचार्य जयपुर के परकोटा स्थित चार दरवाजे इलाके में पहुंचे, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से उनकी पहचान पत्र (आधार कार्ड) दिखाने को कहा। इस दौरान महिलाओं से सवाल किया कि क्या वे “बांग्लादेशी” हैं। वीडियो में बुजुर्गों के साथ अभद्रता और गाली-गलौज करते भी विधायक नजर आए।
कांग्रेस पार्षद के पिता के साथ गाली-गलौज
स्थानीय कांग्रेस पार्षद सलमान मंसूरी के पिता गफूर मंसूरी ने जब विधायक के व्यवहार पर आपत्ति जताई, तो उनके साथ भी गाली-गलौज की गई। गफूर मंसूरी के अनुसार, विधायक का यह रवैया न केवल अमानवीय था, बल्कि सामुदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाला भी है।
दवा की दुकान में मनमानी जांच
इसके अलावा, विधायक ने क्षेत्र की एक मेडिकल दुकान में जाकर दवाइयों की जांच करने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि कई दवाइयों पर एक्सपायरी डेट नहीं थी। हालांकि, स्थानीय लोगों ने स्पष्ट किया कि यह “डिजिटल वाटर” था, जिसे गलत तरीके से दवाइयों के तौर पर समझा गया।
पहले भी विवादों में रहे हैं विधायक
यह पहली बार नहीं है जब बालमुकुंद आचार्य पर अभद्रता और साम्प्रदायिक तनाव बढ़ाने का आरोप लगा हो। इससे पहले, अगस्त में एक जुलूस के दौरान उनके दुर्व्यवहार को लेकर भी मुस्लिम समुदाय ने नाराजगी जताई थी। उस समय ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने उनकी हरकतों की निंदा की थी।
मुस्लिम समुदाय में आक्रोश
विधायक की इन हरकतों से क्षेत्रीय मुस्लिम समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है। स्थानीय लोगों ने इसे पक्षपातपूर्ण और साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने वाला बताया। लोगों ने बीजेपी पर भी सवाल उठाए, खासकर उनके नेता के भगवा वस्त्र धारण करने के बावजूद अशोभनीय भाषा और व्यवहार को लेकर।
सियासी माहौल गर्म
इस घटना ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए इसे “संस्कारहीन राजनीति” करार दिया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल समाज में दरार पैदा करती हैं, बल्कि जनता के बीच विधायक की छवि को भी धूमिल करती हैं। मामले को लेकर जांच की मांग तेज हो रही है, जबकि स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
क्या होगा अंजाम?
विधायक बालमुकुंद आचार्य की इन हरकतों पर राजनीतिक और कानूनी कदम उठाने की मांग जोर पकड़ रही है। देखना यह होगा कि बीजेपी इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और प्रशासन किस तरह से मामले को सुलझाता है।