सावरकर पर टिप्पणी से शिवसेना नाखुश, आदित्य बोले- “राहुलजी भविष्य की बात करें”
लोकसभा में राहुल गांधी द्वारा संविधान दिवस पर दिए गए बयान को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने अपने बयान में विनायक दामोदर सावरकर का उल्लेख करते हुए कहा कि सावरकर भारत को संविधान के बजाय मनुस्मृति के अनुसार चलाना चाहते थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश में “संविधान बनाम मनुस्मृति” का संघर्ष चल रहा है।
राहुल गांधी का बयान
संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि सावरकर ने अपने लेखन में इस बात का समर्थन किया था कि भारत को मनुस्मृति के आधार पर चलाया जाना चाहिए। उन्होंने एकलव्य की कहानी का जिक्र करते हुए कहा, “जैसे एकलव्य का अंगूठा लिया गया था, वैसे ही भारत के युवाओं का अंगूठा लिया जा रहा है।” उन्होंने मौजूदा सरकार पर संविधान की भावना के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।
आदित्य ठाकरे की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के इस बयान पर आदित्य ठाकरे ने असहमति जताई और कहा, “भविष्य की बात कीजिए। राष्ट्रीय दल कब तक अपने राजनीतिक लाभ के लिए नेहरू और सावरकर का इस्तेमाल करते रहेंगे?” उन्होंने शिवसेना के रुख को दोहराते हुए कहा कि सावरकर एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, और ऐसे बयान उनके योगदान का अपमान हैं।
शिवसेना का रुख
शिवसेना (यूबीटी) ने हमेशा से सावरकर को एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में सम्मान दिया है। सावरकर को लेकर राहुल गांधी के बयान से शिवसेना नाखुश नजर आई है। पार्टी का मानना है कि सावरकर का नाम राजनीतिक विवादों में लाना उचित नहीं है, खासकर तब जब देश को भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सियासी हलचल
यह बयान महागठबंधन में दरार की ओर संकेत करता है। शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस दोनों महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, लेकिन सावरकर जैसे मुद्दों पर उनकी राय अलग-अलग है।
निष्कर्ष
आदित्य ठाकरे की यह टिप्पणी राहुल गांधी के बयान के खिलाफ शिवसेना (यूबीटी) के असंतोष को दर्शाती है। सावरकर को लेकर विवाद न केवल शिवसेना और कांग्रेस के बीच वैचारिक मतभेद को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करता है कि क्या ये मतभेद आगामी चुनावों में गठबंधन की मजबूती पर असर डाल सकते हैं।