योगी सरकार पर निशाना: ओवैसी बोले, इजराइल की भक्ति से रोजगार नहीं मिलेगा
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के युवाओं की कौशल शक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी के 5,600 से अधिक युवा इजराइल में काम कर रहे हैं। उन्होंने इसे प्रदेश की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि हाल ही में इजराइल के राजदूत ने यूपी के युवाओं की सराहना की और और अधिक युवाओं को काम पर बुलाने की इच्छा जाहिर की।
सीएम योगी ने इजराइल की सुरक्षा व्यवस्था की तारीफ करते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी संसद भवन में फिलिस्तीन लिखा हुआ बैग लेकर पहुंचीं थीं। उनके इस कदम पर सीएम योगी ने सवाल उठाया कि क्या यह देश के युवाओं की उपलब्धियों को नजरअंदाज करने की कोशिश है।
ओवैसी का पलटवार
सीएम योगी के बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा,
“भारत सरकार खुद भारतीयों को सलाह दे रही है कि वे इजराइल की यात्रा न करें। यह भाजपा सरकार की नाकामी का सबूत है कि गरीब भारतीयों को रोजगार के लिए इजराइल जैसे देशों में जाना पड़ रहा है। अगर भारत में रोजगार के अवसर होते, तो कोई मजदूरी करने विदेश क्यों जाता?”
ओवैसी ने आगे यह भी जोड़ा कि भारत को सबसे अधिक विदेशी मुद्रा रेमिटेंस अरब देशों से मिलती है, और सीएम योगी की इजराइल की “भक्ति” इस तथ्य को नहीं बदल सकती।
भाजपा ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा
भाजपा ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा पर हमला करते हुए उनके फिलिस्तीन समर्थन को मुस्लिम वोटों के तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया। केंद्रीय मंत्री एसपी बघेल ने कहा कि प्रियंका गांधी का फिलिस्तीन लिखा हुआ बैग संसद में लाना राजनीतिक एजेंडा है।
भाजपा के नेताओं का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है। इसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस की विदेश नीति और उसके रुख पर भी सवाल उठाए।
फिलिस्तीन-इजराइल विवाद पर राजनीति गरमाई
प्रियंका गांधी द्वारा फिलिस्तीन का समर्थन और सीएम योगी द्वारा इजराइल की सराहना, दोनों ने एक बार फिर भारत में इस अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर सियासत को गरमा दिया है।
भाजपा इसे देश के युवाओं की वैश्विक पहचान और कौशल विकास का प्रतीक बता रही है, तो वहीं विपक्ष रोजगार के लिए भारतीयों के विदेश जाने को भाजपा की विफलता का परिणाम मान रहा है।
निष्कर्ष
इजराइल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारतीय राजनीति में नए सिरे से बहस छिड़ गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद आगामी चुनावी राजनीति में कितना असर डालता है। वहीं, यूपी के युवाओं की इजराइल में बढ़ती मांग और प्रियंका गांधी के राजनीतिक कदमों पर चर्चा जारी है।