भारत के ग्रैंड मुफ्ती ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर जताई चिंता
नई दिल्ली: भारत के ग्रैंड मुफ्ती और जामिया अल-थकाफ अल-सुन्नत के संस्थापक संरक्षक, शेख अबू बक्र अहमद ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बांग्लादेश सरकार से अपील की है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं।
शेख अबू बक्र ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की असुरक्षा का असर केवल देश तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र पर पड़ रहा है। भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल जैसे पड़ोसी देश भी इस समस्या से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकारों को ऐसे किसी भी कदम से बचना चाहिए जो सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा दें या जनता की भावनाओं को आहत करें।
उन्होंने भारत और बांग्लादेश की सरकारों से सांप्रदायिकता पर नियंत्रण पाने और क्षेत्र में शांति और सौहार्द्र को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। शेख अबू बक्र ने अल्पसंख्यक अधिकारों की स्थिरता और सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
बांग्लादेश में हिंदू भिक्षु की गिरफ्तारी से उपजा विवाद
हाल ही में बांग्लादेश में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों और उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई हैं। इन घटनाओं की व्यापक निंदा हो रही है और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप की मांग उठाई जा रही है।
सांप्रदायिकता पर नियंत्रण के लिए निर्णायक कदम उठाने की जरूरत
शेख अबू बक्र अहमद ने कहा कि दक्षिण एशिया की स्थिरता और विकास तभी संभव है जब क्षेत्र के सभी समुदायों के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
इस मुद्दे पर दक्षिण एशिया के देशों के बीच एकजुटता और सामूहिक प्रयासों की जरूरत है ताकि सांप्रदायिकता पर काबू पाया जा सके और क्षेत्र में शांति और समरसता का माहौल बनाया जा सके।