संविधान रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर अधिवक्ताओं ने आक्रोश जाहिर किया। जिले के अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन कर गृहमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला दहन किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपते हुए अमित शाह से माफी की मांग की।
गृहमंत्री के बयान पर विरोध
अधिवक्ताओं का कहना है कि गृहमंत्री ने राज्यसभा सत्र के दौरान संविधान और बाबा साहब अंबेडकर के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान रचयिता नहीं, बल्कि देश के लिए प्रेरणा और आदर्श हैं। उनके अपमान को अधिवक्ता समुदाय बर्दाश्त नहीं करेगा।
ज्ञापन सौंपा, माफी की मांग
लायर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पंडित रविंद्र शर्मा ने कहा, “बाबा साहब ने देश का संविधान बनाया और अधिवक्ता उसी संविधान के आधार पर न्याय दिलाते हैं। गृहमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी निंदनीय है। हम मांग करते हैं कि अमित शाह अपने शब्दों को वापस लें और माफी मांगें।”
पुतला दहन और उग्र आंदोलन की चेतावनी
अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान पुलिस को चकमा देकर गृहमंत्री का पुतला फूंक दिया। उन्होंने कहा कि यदि गृहमंत्री माफी नहीं मांगते, तो यह आंदोलन प्रदेश स्तर पर और अधिक उग्र रूप लेगा। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि बाबा साहब का अपमान पूरे देश के अधिवक्ता समुदाय का अपमान है।
अधिवक्ताओं का एकजुट संदेश
अधिवक्ताओं ने कहा कि संविधान और उसके रचयिता का सम्मान सर्वोपरि है। उन्होंने चेतावनी दी कि गृहमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी पर माफी न आने पर देशभर में अधिवक्ता आंदोलन छेड़ेंगे। इस विरोध प्रदर्शन से यह स्पष्ट हो गया है कि संविधान और डॉ. अंबेडकर के सम्मान को लेकर अधिवक्ता किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे।