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मंदिर-मस्जिद विवाद पर मोहन भागवत ड्रामेबाजी कर रहे हैं, समाजवादी पार्टी ने योगी पर लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा देश में मंदिर-मस्जिद विवादों पर चिंता व्यक्त किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सपा ने इस विवाद के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

सपा का आरोप: मंदिर-मस्जिद विवाद सत्ता बचाने का खेल
सपा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर बयान जारी करते हुए लिखा कि सीएम योगी और भाजपा सरकार मंदिर-मस्जिद के नाम पर जनता को गुमराह कर रहे हैं। सपा ने कहा कि “योगी सरकार पुलिस और प्रशासन के जरिए मंदिर खोजने का खेल कर रही है, जबकि ऐसे मंदिर हमेशा से वहीं थे। भाजपा इसे सनसनी फैलाने के लिए मुद्दा बना रही है।”

“भाजपा ने आस्था का किया व्यावसायीकरण”
सपा ने वाराणसी में काशी कॉरिडोर निर्माण का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा ने सैकड़ों साल पुराने मंदिरों को तोड़कर आस्था का व्यावसायीकरण किया है। पार्टी ने सवाल उठाया कि भाजपा की पिछली सरकारों के दौरान यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया गया।

“2027 की सत्ता जाने का डर”
सपा ने सीएम योगी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “योगी सरकार को 2027 में सत्ता जाने का डर सता रहा है। इसी वजह से हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, दंगे-फसाद और हिंसा का माहौल बनाया जा रहा है। भाजपा जनता को असली मुद्दों से भटकाकर अपनी कुर्सी बचाने में जुटी है।”

सपा का सुझाव: असली मुद्दों पर ध्यान दें
सपा ने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे भाजपा के हिंदू-मुस्लिम ट्रैप में न फंसे और आरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, नौकरी, और महंगाई जैसे असली मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछें।

मोहन भागवत पर भी निशाना
सपा ने मोहन भागवत के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनकी नसीहत तब तक बेमानी है, जब तक वे भाजपा और सीएम योगी के कृत्यों की सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं करते। सपा ने भागवत के बयान को “भाषणबाजी और ड्रामेबाजी” करार दिया।

भाजपा का पलटवार
हालांकि, भाजपा ने सपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बयान सपा की हताशा को दर्शाता है। भाजपा ने इसे धार्मिक मुद्दों पर सस्ती राजनीति करार दिया और सपा पर समाज को बांटने का आरोप लगाया।

यह विवाद भाजपा और सपा के बीच राजनीतिक बयानबाजी को और तेज कर सकता है, जिससे आने वाले दिनों में राजनीति और गरमा सकती है।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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