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मुझे फिलिस्तीन मामले में कोई दिलचस्पी नहीं, प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के इस बयान से मुस्लिम दुनियां में हलचल

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) के हालिया बयान ने मुस्लिम देशों में हड़कंप मचा दिया है। अमेरिकी पत्रिका “द अटलांटिक” की रिपोर्ट के अनुसार, MBS ने फिलिस्तीन के मुद्दे को अपनी प्राथमिकताओं से बाहर बताते हुए कहा कि यह अब उनके लिए उतना महत्वपूर्ण नहीं है। यह बयान जनवरी 2024 में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सऊदी दौरे के दौरान आया, जहां इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष पर चर्चा की गई थी।

फिलिस्तीन मुद्दे की प्राथमिकता में गिरावट:

द अटलांटिक के अनुसार, 40 वर्षीय क्राउन प्रिंस ने खुलकर कहा कि सऊदी अरब के 70% लोग युवा हैं और उन्हें फिलिस्तीन के संघर्ष के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। MBS ने बताया कि सऊदी नागरिकों का ध्यान अब घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर है, जिससे फिलिस्तीन उनके लिए प्राथमिक मुद्दा नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके व्यक्तिगत तौर पर भी इस मुद्दे में ज्यादा रुचि नहीं है। हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि फिलिस्तीन की स्थिति को लेकर इजरायल के साथ बातचीत जारी रहनी चाहिए और फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना का समर्थन किया।

इजरायल-सऊदी संबंधों में संभावित सामान्यीकरण:

MBS का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सऊदी अरब और इजरायल के बीच संबंधों के सामान्यीकरण की चर्चाएँ हो रही हैं। अमेरिकी प्रशासन भी इन संभावित संबंधों का समर्थन कर रहा है। इजरायल के साथ सऊदी संबंधों में सुधार के संभावित कदम ने कई मुस्लिम देशों और संगठनों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। सऊदी अरब, जो इस्लामिक दुनिया के एक बड़े नेता के रूप में देखा जाता है, अब फिलिस्तीन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपने रुख में बदलाव कर रहा है, जो कई मुस्लिम देशों के लिए चिंता का विषय है। तुर्की, कतर, और ईरान जैसे देशों ने हमेशा फिलिस्तीन के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाया है, और उनके साथ सऊदी अरब के मतभेद अब और बढ़ सकते हैं।

मुस्लिम ब्रदरहुड पर सख्त रुख:

इस बयान के साथ ही, MBS ने मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रति भी अपना सख्त रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे संगठनों के प्रभाव को खत्म करने के लिए निरंतर प्रयास किया है। MBS के अनुसार, मुस्लिम ब्रदरहुड की विचारधारा ने मध्य पूर्व में चरमपंथ को बढ़ावा दिया है, और सऊदी अरब इस तरह की चरमपंथी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता रहेगा।

सऊदी अधिकारियों का खंडन:

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद, सऊदी अधिकारियों ने इसका खंडन किया है। मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अधिकारियों ने कहा कि क्राउन प्रिंस और अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन के बीच फिलिस्तीन को लेकर ऐसी कोई भी बातचीत नहीं हुई थी। सऊदी अधिकारियों ने द अटलांटिक की रिपोर्ट को गलत बताया, लेकिन सऊदी सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।

सऊदी अरब में फिलिस्तीन के समर्थन पर कड़े प्रतिबंध:

सऊदी अरब में फिलिस्तीन के समर्थन में किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। जहां कई मुस्लिम देशों में इजरायल के खिलाफ और फिलिस्तीन के समर्थन में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, वहीं सऊदी अरब में इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी गई। फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों को सजा का सामना करना पड़ सकता है। यह सऊदी सरकार के उन सख्त नियमों का हिस्सा है, जो देश में राजनीतिक अस्थिरता को रोकने के लिए बनाए गए हैं।

मुस्लिम दुनिया में प्रतिक्रिया:

सऊदी क्राउन प्रिंस के इस कथित बयान के बाद कई मुस्लिम देशों और संगठनों में नाराजगी देखी गई है। कई मुस्लिम देश, खासकर तुर्की, कतर, और ईरान, जो फिलिस्तीन के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाते रहे हैं, इस बयान के बाद सऊदी अरब से और दूर जा सकते हैं। इस्लामिक दुनिया में सऊदी अरब के नेतृत्व की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं, खासकर जब इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य करने की संभावनाएं बढ़ रही हैं। इस नए घटनाक्रम के कारण, इस्लामिक दुनिया में सऊदी अरब के रुख पर व्यापक बहस और आलोचना का दौर जारी है।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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