एकनाथ खडसे का राज्य सरकार पर तीखा हमला: आचार संहिता लगने से पहले 3000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी
राज्य के वरिष्ठ नेता और एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता एकनाथ खडसे ने राज्य सरकार की नीतियों और आर्थिक प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। खडसे ने कहा कि राज्य सरकार वोटों की राजनीति में पूरी तरह डूबी हुई है, जिससे कई महत्वपूर्ण योजनाओं का अनुदान महीनों से बंद पड़ा है। उन्होंने खासतौर पर संजय गांधी योजना का जिक्र किया, जिसमें लाभार्थियों को महीनों से मानधन नहीं मिला है। इसके अलावा, अन्य योजनाओं का अनुदान भी पिछले छह महीनों से बंद है, जिससे जनकल्याणकारी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
बढ़ते कर्ज पर खडसे का हमला
एकनाथ खडसे ने आरोप लगाया कि सरकार रोजाना नए कर्ज लेकर मतदाताओं को खुश करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर खर्च कर रही है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे सरकारी खजाना खाली हो चुका है। खडसे के अनुसार, युति सरकार पर पहले से ही 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, और अब आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार 3000 करोड़ रुपये का और कर्ज लेने की तैयारी में है।
जलगांव की परियोजनाओं के लिए फंड की मांग
खडसे ने जलगांव जिले की लंबित जल परियोजनाओं को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार 46 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करती, तो जिले की 10 जल परियोजनाएं पूरी हो जातीं, जो किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए अत्यंत लाभकारी होतीं। उन्होंने सरकार से मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने, जल संसाधन योजनाओं को तेजी से पूरा करने और सड़कों की मरम्मत पर ध्यान देने की मांग की।
शेलगांव बैराज परियोजना का दौरा
पूर्व सिंचाई मंत्री एकनाथ खडसे ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ शेलगांव बैराज की केंद्रीय परियोजना का दौरा किया। उन्होंने याद दिलाया कि 1999 में, जब वे राज्य के सिंचाई मंत्री थे, तब तापी खोरे विकास निगम के तहत तापी नदी पर पांच बैराजों की मंजूरी दी गई थी, जिसमें शेलगांव बैराज भी शामिल था। इस परियोजना का भूमिपूजन 1999 में हुआ था, और उस समय इसकी लागत करीब 198 करोड़ रुपये थी। हालांकि, परियोजना में देरी के कारण अब इसकी लागत बढ़कर 8-9 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
परियोजना के लाभ
शेलगांव बैराज परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में कृषि और जल प्रबंधन को बढ़ावा मिलेगा। खडसे ने बताया कि इस परियोजना से किसान सहकारी आधार पर निजी लिफ्ट और जल पंपिंग योजनाएं लागू कर सकेंगे। साथ ही, मत्स्य उद्योग और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, यवल नगर परिषद, भुसावल नगर परिषद, एमआईडीसी जलगांव और यवल तालुका सहित कई क्षेत्रों को इस परियोजना से लाभ होगा, जिससे इस क्षेत्र का समग्र विकास संभव होगा।
खडसे की मांग
एकनाथ खडसे ने सरकार से आग्रह किया है कि वह तात्कालिक योजनाओं का अनुदान शुरू करे, कर्ज लेने की प्रवृत्ति पर रोक लगाए और लंबित जल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक फंड जारी करे। खडसे ने जोर देकर कहा कि सरकार को वोटों की राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के विकास और जनता की भलाई पर ध्यान देना चाहिए।
इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल बढ़ गई है, और राज्य सरकार के आर्थिक प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं।