हरियाणा में बीजेपी की जीत का असर: प्रियंका चतुर्वेदी के बयान पर कांग्रेस में उठी नाराजगी
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की शानदार जीत का असर अब महाराष्ट्र की राजनीति में भी दिखाई दे रहा है। मंगलवार को बीजेपी ने राज्य की सत्ता पर तीसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ कब्जा जमाया, जिसके बाद महाविकास अघाड़ी (मविआ) के दल का हिस्सा शिवसेना (उद्धव गुट) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी की रणनीति की सराहना की।
प्रियंका चतुर्वेदी ने क्या कहा?
प्रियंका चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “इतनी एंटी इन्कंबेंसी के बावजूद अगर बीजेपी सरकार बना रही है तो मैं उन्हें बधाई देना चाहूंगी। उन्होंने अपना कैम्पेन बहुत अच्छे से चलाया और हरियाणा की जनता का विश्वास जीतने में सफल रहे। हालांकि, लोगों में बीजेपी के प्रति नाराजगी भी थी, लेकिन फिर भी उन्होंने उन्हें वोट दिया। कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी को भी अपनी रणनीति पर विचार करना पड़ेगा। जब बीजेपी के साथ सीधी लड़ाई होती है तो कांग्रेस कमजोर पड़ जाती है। कांग्रेस को इस पर चिंतन-मनन कर अपनी रणनीति में सुधार करना चाहिए।”
जयराम रमेश का पलटवार
प्रियंका चतुर्वेदी के इस बयान पर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने नाराजगी जाहिर की। जब उनसे इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में मैं याद दिलाना चाहता हूं कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पहले नंबर पर थी। ‘गठबंधन धर्म’ यह है कि हम अपने बीच मुद्दों पर चर्चा करें, न कि मीडिया के माध्यम से। हम महाराष्ट्र में गठबंधन में हैं और इसे मजबूत करना हमारी जिम्मेदारी है। हम अपने सहयोगियों के बारे में कुछ नहीं कहेंगे।”
लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन
इस साल महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और सीट शेयरिंग को लेकर महाविकास अघाड़ी में बैठकों का दौर जारी है। लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन की बात करें तो कांग्रेस ने 17 सीटों में से 13 पर जीत दर्ज की थी। वहीं, शरद पवार की एनसीपी ने 10 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की। दूसरी ओर, शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन उसे केवल 9 सीटों पर सफलता मिली।
इस प्रकार, हरियाणा में बीजेपी की जीत का राजनीतिक असर महाराष्ट्र की सियासत में गहराई से महसूस किया जा रहा है, और कांग्रेस को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता महसूस हो रही है।