बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: महाराष्ट्र में सरकार के खिलाफ संग्राम, फडणवीस से इस्तीफे की मांग’
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले, एकनाथ शिंदे और बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर गंभीर आलोचना का सामना कर रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीजेपी नेता कितनी भी पुलिस कार्रवाई की दुहाई दें, लेकिन यह साफ है कि बाबा सिद्दीकी की जान को खतरा था। पुलिस को इस खतरे के बारे में जानकारी थी, फिर भी अपराधियों ने सिद्दीकी को सरेआम गोली मार दी। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास है, जिससे यह स्पष्ट है कि बीजेपी, सवालों से भाग नहीं सकती है।
पवार और राहुल गांधी ने खोला मोर्चा
विपक्षी पार्टियों ने इस मामले पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। मराठा क्षत्रप शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महाराष्ट्र के हालात चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा, “अगर गृहमंत्री और राज्य की सरकार इस तरह से सरकार चलाएगी तो यह बहुत चिंताजनक बात है।” पवार ने सत्ताधारी पार्टी से जिम्मेदारी लेने और जिम्मेदार लोगों को पद से इस्तीफा देने की मांग की।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बाबा सिद्दीकी की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह घटना यह बताती है कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। उन्होंने सरकार से अपनी जिम्मेदारी लेने की अपील की। शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी इस मामले को चौंकाने वाला बताया और कहा कि यह बताता है कि महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था कितनी खराब हो गई है।
देवेंद्र फडणवीस के गृह मंत्री पद की विफलता
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की विफलता है, और इस तरह दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस को गृह मंत्री के तौर पर इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन यह भी कहा कि राज्यपाल को हस्तक्षेप कर उन्हें इस पद से हटाना चाहिए।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राज्य सरकार गुनहगारों को संरक्षण दे रही है, जिसके परिणामस्वरूप बाबा सिद्दीकी की हत्या हुई है। उन्होंने राज्य की डीजीपी रश्मि शुक्ला पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी नियुक्ति असंवैधानिक है और यह स्थिति राजनीतिक लाभ के लिए बनाई गई नीतियों का परिणाम है।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब सत्ताधारी पार्टी से जुड़े एक नेता की हत्या हो जाती है, तो इससे बड़ा कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह क्या हो सकता है? उन्होंने यह सवाल उठाया कि महाराष्ट्र में कौन सुरक्षित है?
इस प्रकार, बाबा सिद्दीकी की हत्या ने एक बार फिर से महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था के गंभीर मुद्दों को उजागर कर दिया है, और विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।