बदरुद्दीन अजमल का दावा: संसद और हवाई अड्डा वक्फ की जमीन पर बने, बीजेपी ने किया पलटवार
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने संसद और देश के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक हलचल मचा दी है। अजमल ने वक्फ बिल पर बोलते हुए दावा किया कि संसद भवन, वसंत विहार और यहां तक कि दिल्ली के हवाई अड्डे का निर्माण वक्फ की जमीन पर किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अफवाह उन्होंने 15 साल तक संसद में रहते सुनी थी और अब इसे लेकर जांच होनी चाहिए।
क्या कहा अजमल ने?
अजमल का कहना है कि वक्फ संपत्तियों की एक विस्तृत सूची सामने आई है, जिसमें संसद भवन से लेकर दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों और हवाई अड्डे तक के निर्माण वक्फ भूमि पर होने की बात है। उन्होंने वक्फ विधेयक के खिलाफ जोरदार असहमति जताते हुए इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई जारी रखने की बात कही। अजमल ने यह भी कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद असम में वक्फ संपत्तियों का सर्वे करेगी, ताकि इस मामले में तथ्य सामने लाए जा सकें।
अजमल ने दावा किया कि वक्फ बोर्ड की जमीनों पर कब्जा किया गया है और इसे छुपाने के लिए विधेयक लाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष दलों ने इस विधेयक की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का बहिष्कार किया है। पांच करोड़ लोगों ने जेपीसी को संदेश भेजकर इस विधेयक को अस्वीकार करने का आग्रह किया है, जो जनता के बीच व्यापक असंतोष का संकेत है।
बीजेपी का पलटवार
अजमल के इन दावों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अजमल के बयान को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद और अफवाह फैलाने की कोशिश बताया। पूनावाला ने कहा, “ये लोग पेशेवर जमीन हड़पने वाले हैं। कल को वे किसी के भी घर पर दावा कर सकते हैं। यह पूरी तरह से एक राजनीतिक चाल है।” उन्होंने अजमल के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह देश को भ्रमित करने का प्रयास है और इसका कोई कानूनी या तथ्यात्मक आधार नहीं है।
वक्फ विधेयक पर विरोध
वक्फ विधेयक को लेकर विवाद पहले से ही गहराता जा रहा है, और अब बदरुद्दीन अजमल के इन बयानों ने इसे और भड़का दिया है। अजमल ने स्पष्ट रूप से कहा कि वक्फ संपत्तियों के मसले पर वे पीछे नहीं हटेंगे और कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। साथ ही, उन्होंने जोर देकर कहा कि वक्फ बोर्ड की जमीनों का सर्वेक्षण जल्द ही किया जाएगा, जिससे वास्तविक स्थिति सामने आएगी।
यह बयान आने वाले दिनों में राजनीतिक गलियारों में और अधिक चर्चा का विषय बन सकता है, क्योंकि संसद, हवाई अड्डे जैसी सार्वजनिक संपत्तियों को वक्फ की जमीन पर बने होने का दावा बड़े पैमाने पर सार्वजनिक और राजनीतिक विरोध को जन्म दे सकता है। वहीं, इस विवाद का असर वक्फ विधेयक पर चल रही बहस और इसके पारित होने की प्रक्रिया पर भी पड़ सकता है।