महाराष्ट्र चुनाव: महा विकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे को लेकर ठनी, उद्धव ठाकरे गुट और कांग्रेस में टकराव
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक महीने का समय बाकी है, लेकिन महा विकास अघाड़ी (MVA) के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा अभी तक सुलझ नहीं पाया है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट और कांग्रेस के बीच विदर्भ की कुछ सीटों को लेकर तनाव बढ़ गया है, जिससे गठबंधन के भीतर दरारें गहरी हो रही हैं। इस विवाद के बीच उद्धव ठाकरे ने मातोश्री पर आपात बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत, विनायक राउत, अरविंद सावंत, सुभाष देसाई और वैभव नाइक शामिल हो चुके हैं।
विदर्भ की सीटों पर घमासान
सूत्रों के मुताबिक, विदर्भ की रामटेक, कामठी, वरोरा, दक्षिण नागपुर, भंडारा, बुलढाणा, सिंदखेडराजा, आरणी, यवतमाल, दिग्रस, आरमोरी और वर्धा जैसी सीटों पर शिवसेना ठाकरे गुट और कांग्रेस के बीच खींचतान हो रही है। इसके अलावा मुंबई की कुछ सीटों पर भी दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है।
शिवसेना के नेताओं का कहना है कि उद्धव ठाकरे ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए अमरावती, रामटेक और कोल्हापुर जैसी महत्वपूर्ण सीटें छोड़ी थीं, लेकिन अब कांग्रेस विदर्भ की सीटों पर सहयोग नहीं कर रही है। कांग्रेस की इस रवैये से उद्धव ठाकरे नाराज हैं और उन्होंने शरद पवार के माध्यम से कांग्रेस आलाकमान को संदेश भेजा है।
आदित्य ठाकरे की शरद पवार से मुलाकात
इस बीच, आदित्य ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की है। आदित्य ने कहा कि वह घोषणापत्र के कुछ मुद्दों पर चर्चा के लिए पवार से मिले थे, लेकिन माना जा रहा है कि यह मुलाकात कांग्रेस-शिवसेना के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश का हिस्सा है।
ठाकरे गुट और कांग्रेस के बीच तकरार
अगले दिन हुई महा विकास अघाड़ी की बैठक में भी ठाकरे गुट और कांग्रेस के बीच विदर्भ की सीटों पर टकराव देखने को मिला। इस दौरान शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के बीच मतभेद उभरकर सामने आए। शिवसेना ठाकरे गुट ने साफ कर दिया कि अगर नाना पटोले कुछ सीटों पर अड़े रहते हैं, तो वे सीट आवंटन चर्चा में हिस्सा नहीं लेंगे।
शरद पवार ने इस विवाद को सुलझाने के लिए कांग्रेस के कुछ नेताओं से फोन पर बातचीत की, जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीम खान शरद पवार से मिलने पहुंचे। अब कांग्रेस आलाकमान के फैसले का इंतजार किया जा रहा है, जो इस मुद्दे को हल करने में निर्णायक साबित हो सकता है।
नतीजों पर असर डाल सकता है विवाद
इस विवाद के चलते महा विकास अघाड़ी में दरारें गहराती दिख रही हैं, और अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो यह विधानसभा चुनावों में गठबंधन के नतीजों पर असर डाल सकता है।