Breaking NewsNasikPolitics

मालेगांव की राजनीति में नया मोड़: आसिफ शेख की नई पार्टी ‘इस्लाम’ विवादों के घेरे में

मालेगांव मध्य विधानसभा क्षेत्र महाराष्ट्र का एक प्रमुख मुस्लिम बहुल इलाका है, जहां लगभग 85% मुस्लिम मतदाता हैं। यह क्षेत्र हमेशा से मुस्लिम उम्मीदवारों का गढ़ माना जाता रहा है, और यहां से जनता दल, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के मुस्लिम विधायक चुने जाते रहे हैं। मालेगांव की राजनीति में जनता दल के दिवंगत नेता निहाल अहमद अब्दुररहमान जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं, जो राज्य में कामगार मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, पिछले 10-15 वर्षों में इस क्षेत्र की राजनीति में कई तरह के उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं।

कांग्रेस और राकांपा का प्रभाव घटने के बाद मालेगांव की राजनीति में तीसरे पक्ष का उदय हुआ। एक धार्मिक नेता, मुफ्ती मोहम्मद इस्माईल, को शहर की जनता ने पहले नगर पालिका का अध्यक्ष बनाया, और फिर उन्हें दो बार विधायक चुना। इसके बाद, 2014 के चुनाव में इस्माईल ने पूर्व विधायक शेख रशीद के बेटे शेख आसिफ को हराया। 2019 में भी मुफ्ती इस्माईल ने फिर से शेख आसिफ को पराजित किया, जिससे उनकी राजनीतिक पकड़ मजबूत हो गई।

लेकिन 2019 के बाद राज्य की राजनीति में बदलाव आया। शेख आसिफ, जो कांग्रेस पार्टी के साथ थे, ने कांग्रेस छोड़कर राकांपा का दामन थाम लिया। जब राकांपा में विभाजन हुआ, तो वे शरद पवार के गुट में शामिल हो गए। 2024 के विधानसभा चुनावों के करीब आते ही, शेख आसिफ ने अपनी रणनीति में बदलाव किया और कांग्रेस में वापसी के बजाय एक नई पार्टी “इंडियन सेक्युलर लार्जेस्ट असेंबली ऑफ महाराष्ट्र” (ISLAM) बनाई, और इसके बैनर तले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।

शेख आसिफ की इस नई पार्टी के नाम और उसके शॉर्ट फॉर्म ‘इस्लाम’ पर भारी विवाद खड़ा हो गया है। विरोधी पार्टियां इस नाम को लेकर आरोप लगा रही हैं कि यह धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला है। धार्मिक जानकारों और मौलानाओं ने भी इस पर फतवे जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि धर्म के नाम पर राजनीति करना गलत है। इस विवाद के चलते शेख आसिफ और उनकी पार्टी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं, चुनावी लड़ाई में AIMIM भी शामिल है, जिसके झंडे का रंग भी हरा है, जिससे मालेगांव में “दो हरे झंडों” के बीच मुकाबला होने की संभावना है। आलोचकों का कहना है कि इस्लाम पार्टी का नाम भ्रामक है और यह धार्मिक और राजनीतिक उद्देश्यों के बीच की सीमाओं को धुंधला कर रही है। इसके अलावा, पार्टी के फुल फॉर्म ‘इंडियन सेक्युलर लार्जेस्ट असेंबली ऑफ महाराष्ट्र’ पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि इसका कोई ठोस अर्थ नहीं निकलता और इसे लेकर तर्क दिया जा रहा है कि किसी भी क्षेत्र को ‘सबसे बड़ा सेक्युलर’ सिद्ध करना मुश्किल है।

आसिफ शेख के इस मास्टर स्ट्रोक के बावजूद, उनकी पार्टी और रणनीति की आलोचना हो रही है। विरोधी पार्टियां उम्मीद कर रही हैं कि चुनाव के नजदीक आते-आते इस्लाम पार्टी का प्रभाव कमजोर पड़ जाएगा।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button