महाराष्ट्र चुनाव: राज बब्बर बोले- “वोट जिहाद” और “बंटेंगे तो कटेंगे” जैसे नारों से नहीं भड़काए जा सकते लोग
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले विवादास्पद नारों पर सियासी बयानबाजी जारी है। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राज बब्बर ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महाराष्ट्र के लोग “वोट जिहाद” और “बंटेंगे तो कटेंगे” जैसे नारों से उकसाए या भड़काए नहीं जा सकते।
महाराष्ट्र की एकता पर दिया जोर
राज बब्बर ने कहा, “महाराष्ट्र के लोग हमेशा एकजुट रहे हैं। जब कोई व्यक्ति आजीविका की तलाश में मुंबई आता है, तो कोई उसकी जाति या धर्म के बारे में नहीं पूछता। ऐसे नारों से महाराष्ट्र की जनता प्रभावित नहीं होगी।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक हैं तो सेफ हैं” के नारे पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हो सकता है प्रधानमंत्री को भी यह समझ आ गया है कि महाराष्ट्र के लोग किसी भी तरह के विभाजन को स्वीकार नहीं करेंगे।”
बीजेपी की सीटों में गिरावट का किया जिक्र
राज बब्बर ने दावा किया कि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों की संख्या घटाने में अहम भूमिका निभाई है।
सत्तारूढ़ नेताओं पर निशाना
अजित पवार और अशोक चव्हाण का नाम लिए बिना बब्बर ने कहा कि “वोट जिहाद” और “बंटेंगे तो कटेंगे” जैसे नारों का विरोध उन नेताओं ने भी किया है, जो विपक्ष से अलग होकर सत्तारूढ़ महायुति में शामिल हो गए हैं।
शिंदे और पंकजा मुंडे का जिक्र
राज बब्बर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया का हवाला देते हुए कहा, “शिंदे ने खुद कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान महाराष्ट्र से नहीं, बल्कि बांग्लादेश की घटनाओं से जुड़ा था।” उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने भी इन नारों का विरोध करते हुए इसे महाराष्ट्र की संस्कृति के खिलाफ बताया है।
इस बीच, कांग्रेस ने एक बार फिर सांप्रदायिक राजनीति का विरोध करते हुए जोर दिया है कि चुनाव में विकास और काम के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।