EVM के आंकड़ों में विसंगति, चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर उठे सवाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज की है, जबकि महाविकास अघाड़ी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। चुनावी नतीजों के बाद जहां महायुति सरकार गठन की तैयारी में है, वहीं विपक्ष ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग पर हमला बोला है।
शिवसेना (यूबीटी) का चुनाव आयोग पर आरोप
शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक वरुण सरदेसाई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब पोस्टल बैलेट में हम 143 सीटों पर आगे थे, तो ईवीएम की गिनती में महाविकास अघाड़ी सिर्फ 46 सीटों पर कैसे रह गई?”
वरुण ने बांद्रा ईस्ट सीट से विधायक बनने के बाद कहा कि पोस्टल बैलेट और ईवीएम के नतीजों में बड़ा अंतर दिखाई दिया, जिससे महाविकास अघाड़ी को नुकसान हुआ। उन्होंने दावा किया कि ईवीएम में 5 से 15 प्रतिशत वोट कम हो गए, जिससे कई सीटों पर हार हुई।
पोस्टल बैलेट और ईवीएम के आंकड़ों में अंतर
वरुण सरदेसाई ने सवाल उठाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में पोस्टल बैलेट और ईवीएम के नतीजे मेल खाते थे, लेकिन इस बार विधानसभा चुनावों में दोनों में बड़ा अंतर दिखा। उन्होंने कहा, “पोस्टल वोट में हम जहां आगे थे, ईवीएम में हम 5 से 15 प्रतिशत तक पीछे हो गए।”
चुनाव आयोग से जवाब की मांग
वरुण ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि आयोग को इस अंतर पर सफाई देनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह कैसे संभव है कि पोस्टल बैलेट के दौरान हम बढ़त में थे, लेकिन ईवीएम की गिनती में हम अचानक पीछे हो गए? आयोग को ईवीएम गिनती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर ध्यान देना चाहिए।”
महायुति का पलटवार
बीजेपी और महायुति के नेताओं ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जनता ने महायुति के विकास कार्यों पर भरोसा जताया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “ईवीएम पर सवाल उठाना विपक्ष की हताशा दिखाता है। महाविकास अघाड़ी हार स्वीकार नहीं कर पा रही है।”
ईवीएम पर बढ़ी बहस
यह पहली बार नहीं है जब ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। विपक्षी दल लंबे समय से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस तेज हो सकती है।
चुनाव आयोग ने फिलहाल इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।