परभणी हिंसा मामले में गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ी, धारा 189 के तहत प्रतिबंध जारी
महाराष्ट्र के परभणी शहर में संविधान की प्रतिकृति को तोड़ने की घटना ने हिंसक विरोध प्रदर्शन का रूप ले लिया। 10 दिसंबर की शाम को परभणी रेलवे स्टेशन के पास डॉ. बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा के समीप स्थापित संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, जिसके बाद विरोध तेज हो गया।
हिंसक प्रदर्शन और आगजनी
घटना के विरोध में आयोजित बंद बुधवार को हिंसक हो गया। उग्र भीड़ ने दुकानों, वाहनों और डीएम कार्यालय में तोड़फोड़ की। साथ ही आगजनी की घटनाओं से शहर में अफरा-तफरी मच गई।
अब तक 51 गिरफ्तार, 3 मामले दर्ज
परभणी पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 51 लोगों को गिरफ्तार किया है और तीन मामले दर्ज किए हैं। पुलिस का कहना है कि वीडियो फुटेज की जांच की जा रही है और गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ सकती है।
शांतिपूर्ण स्थिति, लेकिन प्रतिबंध लागू
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शहर में स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर 5 से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी है। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए विशेष टीम तैनात नहीं की गई है, लेकिन मामले की जांच तेज कर दी गई है।
डॉ. आंबेडकर के प्रति सम्मान का मुद्दा
घटना ने डॉ. बी.आर. आंबेडकर के प्रति अपार सम्मान रखने वाले समुदायों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को संविधान और आंबेडकर के प्रति अपमान करार दिया।
स्थानीय प्रशासन की चुनौती
शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। हालात पर काबू पाने और हिंसा को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात है।
आगे की कार्रवाई पर नजर
जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है। घटना ने स्थानीय और राज्य स्तर पर गहरी चिंता पैदा कर दी है।