नितेश राणे के विवादित बयान पर महाराष्ट्र में सियासी तूफान, अबू आजमी ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र में बीजेपी नेता और मंत्री नितेश राणे के एक विवादित बयान के बाद सियासी घमासान मच गया है। पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए राणे ने कहा कि “आतंकियों ने मारने से पहले हमारा धर्म पूछा, अब हिंदुओं को भी खरीदारी करते समय दुकानदार का धर्म पूछना चाहिए।”
राणे के इस बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अबू आजमी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया कि “आपका मंत्री रोज़ाना संविधान का उल्लंघन कर रहा है और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैला रहा है, क्या आपको ये सब दिखाई नहीं दे रहा?”
अबू आजमी का पलटवार
अबू आजमी ने राणे पर निशाना साधते हुए कहा:
“सबसे निचले दर्जे की राजनीति करने वाले नितेश राणे क्या यह चाहते हैं कि मुस्लिम देशों में काम कर रहे हिंदुओं को जबरदस्ती क़ुरान पढ़ाया जाए और उनसे ‘अल्लाह हू अकबर’ कहलवाया जाए? क्या आप हर जगह नफरत भरना चाहते हैं?”
उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोष लोगों को मारा, उसी तरह नितेश राणे भी अपने बयानों से नफरत फैला रहे हैं। “आतंकी गोलियों से हमला करते हैं और आप अपनी जुबान से, दोनों में क्या फर्क रह गया?”
अबू आजमी ने आरोप लगाया कि नितेश राणे संविधान की शपथ लेकर भी उसका उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने राणे को मंत्री पद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि “ऐसे बयान मंत्री पद की गरिमा के खिलाफ हैं।”
क्या बोले नितेश राणे?
रत्नागिरी जिले के दापोली में एक सभा को संबोधित करते हुए नितेश राणे ने कहा:
“जब भी खरीदारी के लिए जाएं, तो दुकानदार से उनका धर्म पूछें। अगर वो हिंदू हैं, तो उनसे हनुमान चालीसा सुनाने को कहें। अगर उन्हें हनुमान चालीसा नहीं आती, तो उनसे कोई सामान न खरीदें।”
इस बयान के बाद विपक्ष ने राणे पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप लगाए हैं।
पहलगाम हमले के बाद भड़की सियासत
गौरतलब है कि हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद देशभर में गुस्सा है, लेकिन अब नेताओं के विवादित बयानों से माहौल और अधिक गर्माता दिखाई दे रहा है।