केरल की निमिशा प्रिया को यमन में मिली मौत की सजा
केरल की रहने वाली नर्स निमिशा प्रिया, जो 2017 से यमन की जेल में बंद हैं, को सोमवार को यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने मौत की सजा की पुष्टि कर दी। निमिशा पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या का आरोप है। भारत सरकार ने इस मामले में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
कौन हैं निमिशा प्रिया?
निमिशा प्रिया एक दिहाड़ी मजदूर परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने नर्सिंग का प्रशिक्षण लिया और 2008 में बेहतर संभावनाओं की तलाश में यमन चली गईं। शादी के बाद उन्होंने अपनी आय बढ़ाने के लिए यमन में एक क्लिनिक खोला, लेकिन स्थानीय कानूनों के कारण उन्हें यमन के नागरिक तलाल अब्दो मेहदी के साथ साझेदारी करनी पड़ी।
मामला कैसे पहुंचा यहां तक?
मेहदी के पास क्लिनिक के 67% शेयर थे, लेकिन उन्होंने आय साझा करना बंद कर दिया और निमिशा का उत्पीड़न किया। निमिशा ने आरोप लगाया कि मेहदी ने जाली दस्तावेजों के जरिए उनके साथ शादी का दावा किया और कई बार शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया।
जुलाई 2017 में, निमिशा ने पासपोर्ट वापस पाने के लिए मेहदी को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया, लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस ने निमिशा को गिरफ्तार कर लिया।
भारत सरकार की मदद और ‘ब्लड मनी’ की मांग
2020 में निचली अदालत ने निमिशा को मौत की सजा सुनाई, जिसे अपील अदालतों ने भी बरकरार रखा। भारत में निमिशा की मदद के लिए 2020 में ‘सेव निमिशा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ का गठन हुआ। जून 2024 में भारत सरकार ने 40,000 डॉलर माफी के बदले देने को मंजूरी दी।
विदेश मंत्रालय का बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम यमन में निमिशा प्रिया की सजा के बारे में जानते हैं। उनका परिवार सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकार हरसंभव मदद कर रही है।”
परिवार की अपील
निमिशा का परिवार यमन के पीड़ित परिजनों को ‘ब्लड मनी’ देने की मांग कर रहा है, ताकि उनकी सजा को कम किया जा सके। यह मामला भारतीय समुदाय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बन गया है।