चीन में फिर स्वास्थ्य संकट
कोरोना महामारी के बाद चीन एक और खतरनाक वायरस ‘ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस’ (HMPV) की चपेट में है। यह वायरस तेजी से फैल रहा है, जिससे अब तक चीन में 170 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमण के मामले केवल चीन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह 18 अन्य देशों तक फैल चुका है। कुल 7834 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
HMPV: क्या है यह वायरस?
HMPV की पहचान 2001 में हुई थी। यह वायरस मुख्य रूप से 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। सर्दियों के मौसम में इसका प्रकोप बढ़ जाता है। यह वायरस खांसी, बुखार, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण पैदा करता है। गंभीर मामलों में यह निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस का कारण बन सकता है।
संक्रमण की तेज़ रफ्तार
16 से 22 दिसंबर के बीच वायरस के मामलों में तेजी देखी गई है। ठंडे इलाकों में यह वायरस अधिक सक्रिय है। चीन के अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ रहा है।
WHO ने घोषित किया आपातकाल
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने HMPV को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने इसे गंभीर संकट करार देते हुए सभी देशों से मिलकर काम करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है।
चीन की तैयारी और बचाव के उपाय
चीन सरकार ने HMPV से निपटने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। देश के अस्पतालों में विशेष वार्ड बनाए गए हैं। साथ ही, जनता को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है:
- मास्क का नियमित उपयोग करें।
- भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें।
- हाथों की स्वच्छता बनाए रखें।
- लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
वैश्विक सहयोग की जरूरत
HMPV के बढ़ते खतरे ने पूरी दुनिया में चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस संकट से निपटने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन और इलाज के उपायों को विकसित करने की दिशा में तेजी से कदम उठाने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
HMPV वायरस एक बड़ा खतरा बन चुका है। समय पर सतर्कता और ठोस कदम ही इसके प्रसार को रोक सकते हैं। कोरोना महामारी से सबक लेते हुए, अब दुनिया को एकजुट होकर इस नए संकट का सामना करना होगा।