वक्फ संशोधन विधेयक पर ओवैसी का बड़ा हमला: “3डी धारा मुसलमानों से उनकी मस्जिदें छीनने की साजिश”

नई दिल्ली | वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद राजनीतिक तापमान चरम पर है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अब इस बिल में किए गए “गुपचुप बदलावों” को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है।
“3डी धारा संविधान के खिलाफ, मस्जिदों को छीनने की साजिश”
ओवैसी ने दावा किया कि इस बिल की “3डी धारा” संसद में बहस और पास होने के दिन अचानक पेश की गई, जो पूरी तरह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि यह प्रावधान पहले से बिल के मसौदे में नहीं था और इसे “गुपचुप तरीके से जोड़ दिया गया”।
ओवैसी का आरोप है कि इस धारा का उद्देश्य मुस्लिम धार्मिक स्थलों जैसे मस्जिद, इमामबाड़े और दरगाहों को वक्फ बोर्ड के अधिकार से बाहर करना है। उन्होंने इसे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक पहचान और संपत्तियों पर सीधा हमला बताया है।
“180 वक्फ संपत्तियों को निशाना बनाने की तैयारी”
AIMIM प्रमुख ने दावा किया कि सरकार इस कानून के तहत दिल्ली की लगभग 180 वक्फ संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने की तैयारी कर रही है, जो फिलहाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पास हैं।
उन्होंने कहा कि “सच्चर कमेटी ने इन संपत्तियों को वक्फ घोषित कर दिल्ली वक्फ बोर्ड को सौंपने की सिफारिश की थी, लेकिन अब सरकार इसके उलट कदम उठा रही है।”
“मैं अकेला था, जिसने संसद में विरोध दर्ज किया”
ओवैसी ने यह भी बताया कि उन्होंने संयुक्त संसदीय समिति (JWC) में इस प्रावधान का लिखित रूप से विरोध किया था, लेकिन उनकी बात को अनदेखा कर दिया गया। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, मैं लोकसभा में इस मुद्दे पर आवाज उठाने वाला अकेला व्यक्ति था। बाकी सब खामोश थे।”
लोकसभा में बिल की कॉपी फाड़ी, बोले – “यह काला कानून है”
बुधवार को बिल के विरोध में ओवैसी ने लोकसभा में बिल की कॉपी फाड़ दी थी। उन्होंने इसे भारत की सेक्युलर छवि पर हमला और मुसलमानों के आत्मसम्मान के खिलाफ कदम करार दिया।
“यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक संपत्तियों को छीनने, उन्हें अपमानित करने और भारत के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसा है।”
सरकार की ओर से जवाब लंबित
इस गंभीर आरोप पर अब तक केंद्र सरकार की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि भाजपा के कुछ नेताओं ने ओवैसी के विरोध को “राजनीतिक स्टंट” करार देते हुए कहा है कि यह बिल सुधार की दिशा में उठाया गया आवश्यक कदम है।
राजनीतिक विश्लेषण:
ओवैसी का यह हमला ऐसे समय में आया है जब वक्फ संपत्तियों को लेकर देशभर में बहस तेज है। 3डी धारा पर उठ रहे सवाल आने वाले समय में इस कानून को कानूनी चुनौती का सामना भी करा सकते हैं।