CMBC मंच की न्यायिक जीत: SRPF भर्ती में गड़बड़ी पर न्यायाधिकरण का नोटिस — एडवोकेट शेख शफ़ीक की प्रभावशाली पैरवी का असर

CMBC मंच अब न सिर्फ सामाजिक और वैचारिक बदलाव का सशक्त माध्यम बन चुका है, बल्कि कानूनी लड़ाई में भी आम नागरिकों की आवाज़ बुलंद कर रहा है। इसका हालिया प्रमाण SRPF यूनिट 6 धुले की भर्ती प्रक्रिया में सामने आए गंभीर प्रशासनिक लापरवाही के मामले में देखने को मिला, जहां एडवोकेट शेख शफ़ीक ए.आर. अहमद की सशक्त पैरवी से महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Maharashtra Administrative Tribunal) ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
मामला क्या है?
SRPF Unit 6 Dhule में चयनित पाँच अभ्यर्थियों ने नियमों के तहत त्यागपत्र दिया था, जिसे विभाग को तत्काल स्वीकार करना चाहिए था। लेकिन विभागीय ढिलाई और आदेशों की अनदेखी के चलते त्यागपत्र समय पर स्वीकृत नहीं किया गया, जिससे प्रतीक्षा सूची (Waiting List) की वैधता समाप्त हो गई। इसका सीधा असर उन उम्मीदवारों पर पड़ा, जो वेटिंग लिस्ट में वैध रूप से चयन की प्रतीक्षा कर रहे थे।
CMBC मंच की कानूनी ताकत
CMBC के लीगल एडवाइज़र एडवोकेट शैख़ शफ़ीक ए.आर. अहमद ने इस अन्याय के खिलाफ ट्रिब्यूनल में पूरी मजबूती से पक्ष रखा। उन्होंने यह तर्क दिया कि विभाग ने सरकारी जी.आर. का पालन नहीं किया, जिससे योग्य उम्मीदवारों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है। उनकी विधिक दक्षता और तथ्यात्मक प्रस्तुति ने ट्रिब्यूनल को प्रभावित किया।
ट्रिब्यूनल की सख्त कार्रवाई
दिनांक 2 अप्रैल 2025 को हुई सुनवाई में ट्रिब्यूनल ने:
- संबंधित उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया,
- मामले को 24 अप्रैल 2025 को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया,
- यह स्पष्ट किया कि यह मामला प्रवेश स्तर पर ही अंतिम रूप से निपटाया जाएगा।
निष्कर्ष:
CMBC मंच की यह कानूनी जीत न केवल एक न्यायिक उदाहरण है, बल्कि यह दिखाता है कि यदि संगठन मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट उद्देश्य के साथ कार्य करे, तो आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा संभव है।