विजय वडेट्टीवार का बड़ा बयान: मंगेशकर परिवार को बताया ‘लुटेरों का गिरोह’, बीजेपी ने जताई कड़ी आपत्ति

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार ने गुरुवार को मंगेशकर परिवार पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें ‘लुटेरों का गिरोह’ करार दिया है। वडेट्टीवार का यह बयान पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में एक गर्भवती महिला को कथित रूप से भर्ती न किए जाने और उसकी मौत के बाद सामने आया है। इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है और भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य दलों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
दरअसल, भाजपा विधान परिषद सदस्य अमित गोरखे के निजी सचिव की पत्नी तनीषा भिसे को 10 लाख रुपये की अग्रिम राशि न जमा करने के कारण दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती करने से कथित रूप से मना कर दिया गया था। बाद में उन्हें एक अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जुड़वां बच्चियों को जन्म देने के बाद उनकी मौत हो गई।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए वडेट्टीवार ने कहा, “मंगेशकर परिवार मानवता पर कलंक है। वह लुटेरों का गिरोह है। क्या आपने कभी सुना है कि उन्होंने समाज की भलाई के लिए दान दिया हो? सिर्फ इसलिए कि वे अच्छा गाते हैं, उनकी सराहना की जाती है। जिस व्यक्ति ने अस्पताल के लिए जमीन दान की, उसके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया। धर्मार्थ अस्पतालों के नाम पर फायदे के लिए गरीबों को लूटने का काम बंद होना चाहिए।”
हालांकि मंगेशकर परिवार की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
गौरतलब है कि पुणे के एरंडवणे क्षेत्र में स्थित दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल 800 बिस्तरों वाला एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र है, जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। यह अस्पताल मराठी गायक और अभिनेता दीनानाथ मंगेशकर के नाम पर है, जो स्वर कोकिला लता मंगेशकर के पिता थे।
महाराष्ट्र सरकार ने तनीषा भिसे की मौत के मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है, जिसने प्रारंभिक रिपोर्ट में अस्पताल पर धर्मार्थ संस्थानों के मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है, जिसके तहत आपातकालीन मामलों में अग्रिम भुगतान नहीं मांगा जा सकता।
इस पूरे मामले ने ना सिर्फ मंगेशकर परिवार की छवि को लेकर विवाद खड़ा किया है, बल्कि धर्मार्थ अस्पतालों की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।