बिहार में आंधी-पानी और वज्रपात का कहर: 19 की मौत, फसलों को भारी नुकसान

मुख्यमंत्री ने जताया शोक, मुआवजे का ऐलान, 15 अप्रैल तक मौसम खराब रहने की संभावना
बिहार के कई जिलों में बुधवार अहले सुबह आयी तेज आंधी-पानी, ओलावृष्टि और वज्रपात ने भारी तबाही मचाई है। अलग-अलग घटनाओं में अब तक राज्यभर में 19 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि दर्जनों लोग झुलसे हैं। इसके अलावा गेहूं, आम, लीची समेत रबी की फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है।
ठनका गिरने से हुई मौतें:
- बेगूसराय: 5 लोगों की मौत
- दरभंगा: 5 की जान गई, कई झुलसे
- मधुबनी: पिता-पुत्री समेत 3 की मौत
- सहरसा व समस्तीपुर: 2-2 लोगों की मौत
- लखीसराय व गया: 1-1 की जान गई
फसलों को भारी नुकसान:
- शिवहर: गेहूं, आम, लीची व केला की फसलें नष्ट
- सीतामढ़ी: गेहूं व लीची को नुकसान
- मोतिहारी: बर्फबारी से रबी फसल प्रभावित
- मुजफ्फरपुर: पेड़ों पर ठनका गिरा, लोग घर छोड़ भागे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संवेदना:
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश दिया है। साथ ही राज्यवासियों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान सतर्क रहें और आपदा प्रबंधन विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
आने वाले दिनों में भी अलर्ट:
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) पटना ने 15 अप्रैल तक राज्य में आंधी-पानी और वज्रपात की संभावना जताई है।
- 10 अप्रैल को: किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर और चंपारण जिलों में ऑरेंज अलर्ट
- अन्य उत्तर, दक्षिण-मध्य व दक्षिण-पूर्व बिहार के जिलों में येलो अलर्ट
आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट:
विभाग ने अब तक 13 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की है – दरभंगा (3), बेगूसराय (5), समस्तीपुर (2), मधुबनी (3)। विभागीय मंत्री विजय कुमार मंडल ने शोक व्यक्त किया है।
लोगों से अपील:
तेज हवाओं, ओलावृष्टि और वज्रपात की स्थिति में खुले स्थानों और खेतों में न जाएं, सुरक्षित स्थानों पर रहें और मौसम विभाग के अलर्ट पर ध्यान दें।