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आगरा में जातीय तनाव की आग: दलित दूल्हे की पिटाई से गरमाया माहौल, मूर्ति तोड़ने के बाद दूसरी बड़ी घटना

आगरा के एत्मादपुर में जातीय तनाव लगातार गहराता जा रहा है। क्षत्रिय करणी सेना के ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ के बाद से ही हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं। गढ़ी रामी और आसपास के क्षेत्रों में तनाव की स्थिति है। दलित समुदाय में सम्मेलन के दौरान की गई बयानबाजी को लेकर गहरी नाराज़गी है।

मूर्ति तोड़ी, अब दूल्हे पर हमला

पहली घटना में गढ़ी गज्जू में आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया गया, और अब दूसरी बड़ी घटना छलेसर में सामने आई है—जहां दलित दूल्हे को घोड़ी से उतारकर पीटा गया। दूल्हे की बारात को जबरन रोकने और उस पर हमला करने की इस घटना के बाद इलाके में जातीय तनाव और बढ़ गया है।

पुलिस पर पक्षपात का आरोप

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस नेताओं के दबाव में काम कर रही है और एफआईआर दर्ज करने में भी टालमटोल की गई। हालांकि, डीसीपी अतुल शर्मा का कहना है कि सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी और वीडियो फुटेज की जांच की जा रही है।

भीम आर्मी और बसपा ने किया विरोध

घटना की जानकारी मिलने पर भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष रिंकू सेठ ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। वहीं, संगठन के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने एक्स पर पोस्ट कर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर सवाल उठाए, कहा – “यह योगीराज नहीं, जातीय दंभ का राज है।”
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस घटना को “अत्यंत चिंताजनक” बताया और प्रदेश में दलितों पर बढ़ते अत्याचारों की निंदा की।

राजनीति गरमाई, न्याय की मांग तेज

दलित समाज की बारात पर हमला और आंबेडकर प्रतिमा का अपमान—इन घटनाओं ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। भीम आर्मी और बसपा जैसी पार्टियां सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रही हैं, वहीं स्थानीय प्रशासन तनाव को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहा है।

अब सबकी निगाहें प्रशासन और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं—क्या दोषियों को सज़ा मिलेगी या एक और घटना यूं ही दबा दी जाएगी?

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