नडियाद ट्रिपल मर्डर केस सुलझा: खुदकुशी का एक्सपेरिमेंट बना तीन बेगुनाहों की मौत की वजह

खेड़ा जिले के नडियाद में 9 फरवरी को हुई तीन लोगों की रहस्यमयी मौत का रहस्य 28 दिन बाद सुलझ गया। पुलिस ने सरकारी शिक्षक हरिकिशन मकवाना को गिरफ्तार किया, जिसने आत्महत्या के प्रयोग के लिए अपने मूक-बधिर पड़ोसी कनुभाई चौहान को जहर दिया। लेकिन इस जहरीली साजिश में दो और निर्दोषों की जान चली गई।
कैसे हुआ खुलासा?
9 फरवरी को कनुभाई धनाभाई चौहान (54), योगेश गंगाराम कुशवाह (40) और रविंद्रभाई जीनाभाई राठौड़ (49) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पहले इसे नकली शराब कांड माना जा रहा था, लेकिन FSL रिपोर्ट में मिथाइल अल्कोहल नहीं मिला, जिससे यह थ्योरी खारिज हो गई। इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच तेज की।
टीचर की खौफनाक साजिश
पुलिस जांच में सामने आया कि 44 वर्षीय सरकारी शिक्षक हरिकिशन मकवाना पारिवारिक तनाव और कानूनी मामलों से परेशान था। उसने आत्महत्या की योजना बनाई, लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मौत का कारण सुसाइड न लगे, ताकि बीमा क्लेम मिल सके।
इसके लिए उसने अमेज़न से सोडियम नाइट्राइट मंगवाया, लेकिन पत्नी को शक हुआ और उसने ज्यादातर पाउडर नष्ट कर दिया। हरिकिशन ने कुछ पाउडर बचाकर रखा और इसका अपने मूक-बधिर पड़ोसी कनुभाई पर प्रयोग करने का फैसला किया।
9 फरवरी को उसने कनुभाई को जीरा सोडा में सोडियम नाइट्राइट मिलाकर पिला दिया। कनुभाई ने इसे अपने दोस्तों योगेश और रविंद्र के साथ बांट लिया। कुछ ही देर में तीनों की हालत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई।
तकनीकी साक्ष्यों ने खोली पोल
- FSL रिपोर्ट में सोडियम नाइट्राइट की पुष्टि हुई।
- CCTV फुटेज और गवाहों के बयान से हरिकिशन पर शक गहराया।
- पूछताछ में हरिकिशन ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
बीमा के लालच में तीन जिंदगियां खत्म
हरिकिशन का मकसद खुदकुशी को हत्या या दुर्घटना दिखाकर परिवार को 25 लाख का बीमा दिलाना था। लेकिन उसके खौफनाक प्रयोग ने तीन निर्दोषों की जान ले ली।
क्या कहता है परिवार?
हरिकिशन की पत्नी भी सरकारी टीचर हैं और उनका एक बेटा 12वीं की परीक्षा दे रहा है। इस घटना ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया है।
फिलहाल, पुलिस ने हरिकिशन को गिरफ्तार कर हत्या का मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।
नडियाद ट्रिपल मर्डर केस से जुड़े अहम सवाल:
कैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जहर आसानी से बेचा जा रहा है?
क्या आत्महत्या को रोकने के लिए समाज में अधिक जागरूकता की जरूरत नहीं?
तकनीक का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए कौन से कदम उठाए जा सकते हैं?
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