छत्रपति संभाजी महाराज से खुद की तुलना कर फंसे अनिल परब, बीजेपी ने किया विरोध प्रदर्शन

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के दौरान नया विवाद खड़ा हो गया है। शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद (एमएलसी) अनिल परब ने खुद की तुलना छत्रपति संभाजी महाराज से कर दी, जिससे राज्य की राजनीति गरमा गई है।
विधान भवन के बाहर बीजेपी का विरोध प्रदर्शन
अनिल परब के इस बयान के खिलाफ बीजेपी विधायकों और एमएलसी ने विधान भवन की सीढ़ियों पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और उनके निलंबन की मांग उठाई।
अनिल परब का बयान – “मुझ पर भी हुआ अत्याचार”
विधान परिषद में बोलते हुए अनिल परब ने खुद की तुलना छत्रपति संभाजी महाराज से कर दी। उन्होंने कहा:
“जिस तरह संभाजी महाराज पर अत्याचार हुआ, वैसे ही मुझ पर भी पार्टी बदलने के लिए दबाव डाला गया। मेरे खिलाफ अलग-अलग एजेंसियों से कार्रवाई कराई गई। लेकिन मैंने हार नहीं मानी।”
उन्होंने आगे कहा:
“धर्म बदलने के लिए संभाजी महाराज पर अत्याचार किया गया था और पार्टी बदलने के लिए मुझ पर। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स और एनआईए जैसी एजेंसियों ने मेरे खिलाफ कार्रवाई की, लेकिन मैं झुका नहीं। संजय राउत जेल गए क्योंकि वे कच्चे खिलाड़ी थे, लेकिन मैं इन सबसे लड़ता रहा।”
बीजेपी ने जताई आपत्ति, निलंबन की मांग
अनिल परब के इस बयान पर बीजेपी विधायकों ने कड़ा एतराज जताया और कहा कि संभाजी महाराज का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने विधान परिषद के चेयरमैन से मांग की कि अनिल परब के बयान को रिकॉर्ड से हटाया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
अब क्या होगा?
यह विवाद महाराष्ट्र की राजनीति को और गरमा सकता है। बीजेपी इस मुद्दे को लेकर आक्रामक नजर आ रही है, वहीं शिवसेना (यूबीटी) अपने नेता का बचाव कर रही है। अब देखना यह होगा कि विधान परिषद इस मामले पर क्या रुख अपनाती है और अनिल परब के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं।