अंबेडकर जयंती पर भेदभाव की शर्मनाक घटना: दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश से रोका

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के बेटमा स्थित सांघवी गांव में अंबेडकर जयंती के दिन एक दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश से रोक दिया गया। देपालपुर निवासी यह दूल्हा अपनी बारात लेकर राजस्थान के गीठान जा रहा था और मार्ग में स्थित राम मंदिर में दर्शन के लिए रुका था। लेकिन मंदिर पर मौजूद राजपूत समाज के लोगों ने उसे प्रवेश देने से मना कर दिया।
सोमवार को हुई इस घटना में दोनों पक्षों के बीच जमकर विवाद हुआ जो करीब दो घंटे तक चला। राजपूत समाज के लोगों ने मंदिर के गेट पर ताला जड़ दिया और किसी की बात नहीं मानी। मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाने की कोशिश की लेकिन स्थिति पर नियंत्रण नहीं हो सका।
बलाई समाज से संबंध रखने वाले पीड़ित परिवार ने इसके बाद पास की मजार पर जाकर बाबा के पैर छुए और वहीं से बारात आगे बढ़ाई। परिवार ने चेतावनी दी है कि अगर मंदिरों में उन्हें दर्शन की अनुमति नहीं दी गई, तो वे मजारों पर जाकर अपनी परंपरा निभाते रहेंगे।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या संविधान में समानता का अधिकार सभी नागरिकों के लिए वास्तव में लागू हो पाया है या नहीं।