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साइबर क्राइम का नया गढ़ बनता मथुरा: 15 गांव रेड जोन घोषित, जामताड़ा को भी पीछे छोड़ा

मथुरा: देशभर में साइबर ठगी की घटनाओं में मथुरा एक नया गढ़ बनकर उभर रहा है। मेवात से सटे इस धार्मिक नगरी में साइबर ठगों का नेटवर्क तेजी से फैल रहा है। जिले के पांच थाना क्षेत्रों के 15 गांवों को पुलिस ने साइबर अपराध के लिए रेड जोन घोषित कर दिया है। इन गांवों से संचालित रैकेट देश के कोने-कोने में लोगों को शिकार बना रहे हैं।

पुलिस के मुताबिक, सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की अदला-बदली का फायदा उठाकर ठग ट्रेसिंग से बचते हैं। अब तक 20 से अधिक साइबर अपराधी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन ठगी पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाई है। हालात को देखते हुए गोवर्धन क्षेत्र में साइबर थाना खोलने की तैयारी भी चल रही है।

ठगों के ठिकाने: गोवर्धन, बरसाना, कोसीकलां, शेरगढ़ और छाता थाना क्षेत्रों के गांवों — जैसे देवसेरश, दौलतपुर, मडौरा, हथिया, उगला जानू, शाहपुर, बिसंभरा आदि को चिन्हित किया गया है।

फिजिकल सत्यापन शुरू:
इन क्षेत्रों में बैंकों के खाताधारकों के फिजिकल सत्यापन की मुहिम शुरू हो चुकी है। बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि हर खाताधारक को बुलाकर पहचान सत्यापित करें।

वेलकम किट और जॉब स्कैम:
एसपी (अपराध) अवनीश कुमार के अनुसार, ऑनलाइन जॉब का झांसा देकर ठग आधार कार्ड के माध्यम से बैंक खातों की KYC पूरी करवाते हैं, फिर फर्जी पते डालकर वेलकम किट हड़प लेते हैं। मोबाइल नंबर बदलकर इन खातों से ठगी की रकम निकाल ली जाती है।

नया ट्रेंड: किराये पर कार लगाने का झांसा:
फर्जी वेबसाइट और इंस्टाग्राम पेज के जरिये लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। ‘ओरी कार’, ‘रोट्स कार रेंटल’ जैसी साइटों से कार किराये पर लगाने का झांसा देकर लोगों की गाड़ियां लेकर ठग फरार हो जाते हैं।

जामताड़ा को भी पीछे छोड़ा:
फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, भरतपुर (18%) और मथुरा (12%) जैसे इलाके अब जामताड़ा (9.6%) से आगे निकल चुके हैं।

निष्कर्ष:
साइबर ठगी के बदलते ट्रेंड और मथुरा जैसे धार्मिक जिले में इसके तेजी से बढ़ते जाल ने कानून व्यवस्था को गंभीर चुनौती दी है। पुलिस सतर्क है, पर नेटवर्क तोड़ना अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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