संभल हिंसाः 400 लोगों और सपा सांसद पर एकतरफा FIR, दंगा भड़काने वाले सेफ
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद में अदालत द्वारा किए गए सर्वे के दौरान रविवार को हुई हिंसा में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव बना हुआ है। सोमवार को समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और पार्टी के एक विधायक के बेटे पर एफआईआर दर्ज की गई।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
हिंसा की शुरुआत तब हुई जब अदालत द्वारा नियुक्त एक अधिवक्ता आयुक्त और उनकी छह सदस्यीय टीम रविवार सुबह मस्जिद में दूसरे सर्वे के लिए पहुंची। अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को पहला सर्वे किया गया था।
प्रशासन के अनुसार, सर्वे टीम के साथ सुरक्षा बल, अधिवक्ता आयुक्त और जिला प्रशासन की मौजूदगी थी। सर्वे के दौरान स्थानीय लोगों ने टीम का विरोध किया। प्रशासन का दावा है कि भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया, जबकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि सर्वे टीम के साथ आए कुछ लोगों ने “जय श्रीराम” के नारे लगाए और मस्जिद में घुसने की कोशिश की। इसके बाद स्थिति बिगड़ी और पथराव हुआ।
हिंसा और मौतें
घटना के दौरान पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए फायरिंग की, जिसमें चार मुस्लिम युवकों की मौत हो गई। सोमवार को एक और युवक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने सीधे फायरिंग की और बाद में मृतकों के परिवारों को राजीनामा करने का दबाव डाला।
प्रशासन ने कहा कि जब सर्वे टीम सुबह 11 बजे अपना काम खत्म कर लौट रही थी, तो भारी पथराव शुरू हो गया। तीन समूहों ने एक साथ पुलिस और सर्वे टीम पर हमला किया।
नेताओं की प्रतिक्रिया
- राहुल गांधी:
नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हिंसा की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि,
“सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया और जल्दबाजी से की गई कार्रवाई बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार का सत्ता का उपयोग सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए करना प्रदेश और देश के हित में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए।” - प्रियंका गांधी:
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की अपील करते हुए कहा,
“सरकार ने बिना सभी पक्षों को सुने और बिना उचित प्रक्रिया अपनाए माहौल को और बिगाड़ दिया। फूट डालने और अत्याचार की राजनीति न जनता के हित में है, न देश के।” - अखिलेश यादव:
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे “चुनावी साजिश” बताया और सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार माहौल खराब कर रही है ताकि असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सके।
प्रशासन का बचाव
प्रशासन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सर्वे कोर्ट के निर्देश पर किया जा रहा था। जिला प्रशासन ने दावा किया कि फायरिंग भीड़ को नियंत्रित करने के लिए की गई थी।
मामले में आगे क्या?
समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और एक विधायक के बेटे पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है।
विपक्ष ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप की मांग बढ़ती जा रही है।
संभल में तनावपूर्ण माहौल के बीच प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई और भेदभावपूर्ण रवैये के आरोप लगे हैं। विपक्ष ने शांति बनाए रखने की अपील की है और भाजपा सरकार पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया है।