मुस्लिम देशों से इजरायल के बहिष्कार की मांग, पाक संसद में उठी जिहाद की चेतावनी

गाजा पट्टी में इजरायल द्वारा किए गए हमलों के खिलाफ पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सोमवार को फिलिस्तीन के समर्थन में एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रस्ताव में इजरायली हमलों की कड़ी निंदा की गई और उसे ‘निर्मम बर्बरता’ करार दिया गया।
इजरायल के साथ मुस्लिम देशों की चुप्पी पर भी सवाल
सांसद साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा ने प्रस्ताव के दौरान कहा कि गाजा में जो नरसंहार हो रहा है, उसके लिए इजरायल जितना दोषी है, उतने ही गुनहगार वे मुस्लिम देश भी हैं जो चुपचाप यह सब देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि अक्टूबर 2023 से शुरू हुआ इजरायली हमला प्रलय से भी दस गुना ज्यादा भयावह है।
कश्मीर को भी घसीटा गया बहस में
पाकिस्तानी संसद में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया गया। हामिद रजा ने कहा कि फिलिस्तीन और कश्मीर दोनों मुस्लिम उम्मा के लिए अत्यंत चिंताजनक मसले हैं। उन्होंने मांग की कि इन दोनों मुद्दों पर मुस्लिम देशों को एकजुट होकर ठोस कदम उठाने होंगे।
मुस्लिम देशों से इजरायल के बहिष्कार की अपील
प्रस्ताव पास होने के बाद मुफ्ती तकी उस्मानी ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों से इजरायल के पूर्ण बहिष्कार का आह्वान किया। पाकिस्तान के कानून मंत्री आजम नजीर तरार द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव को सभी राजनैतिक दलों का समर्थन मिला।
गाजा में मौत का आंकड़ा 65,000 पार
सांसदों ने आरोप लगाया कि 18 मार्च को फिर शुरू हुए इजरायली हमलों में अब तक 1600 से अधिक निर्दोष फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और गाजा में मरने वालों की कुल संख्या 65,000 से ज्यादा हो गई है।
OIC की बैठक और जिहाद की चेतावनी
हामिद रजा ने मांग की कि पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक बुलाई जाए और मुस्लिम देश इजरायल को साफ चेतावनी दें कि यदि गाजा में अत्याचार नहीं रुके, तो वैश्विक स्तर पर जिहाद की घोषणा की जाए।
संसद में एकजुटता, पर विवादित बयान
जहां एक ओर यह प्रस्ताव पाकिस्तानी संसद में एकता दर्शाता है, वहीं जिहाद जैसी उग्र भाषा और कश्मीर को फिलिस्तीन से जोड़ना इस मुद्दे को और विवादास्पद बना देता है।