AhmednagarBreaking NewsEditorialMaharashtra

अमित शाह का उद्धव और शरद पवार पर हमला: विश्वासघात की राजनीति को 20 फीट जमीन में गाड़ा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र के शिरडी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी (SCP) प्रमुख शरद पवार पर जमकर निशाना साधा। शाह ने दोनों नेताओं पर झूठ और विश्वासघात की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महायुति की महाविजय ने शरद पवार की राजनीति को खत्म कर दिया है।

शरद पवार पर तीखा प्रहार

शाह ने कहा, “शरद पवार की विश्वासघाती राजनीति साल 1978 से महाराष्ट्र में चल रही थी, लेकिन अब महायुति की प्रचंड जीत ने इसे 20 फीट जमीन के नीचे गाड़ दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार ने हमेशा अवसरवाद की राजनीति की है, लेकिन महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें करारा जवाब दिया है।

उद्धव ठाकरे पर आरोप

उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा, “उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों का त्याग कर दिया और मुख्यमंत्री बनने के लिए झूठ और फरेब का सहारा लिया।” उन्होंने उद्धव को महाराष्ट्र के लोगों के साथ विश्वासघात करने का दोषी ठहराया और कहा कि जनता ने उनके इस कदम को कभी माफ नहीं किया।

घमंडिया गठबंधन पर तंज

अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन INDIA अलायंस को घमंडिया गठबंधन करार देते हुए कहा कि यह अब टूटने की कगार पर है। उन्होंने कहा, “शिवसेना (UBT) ने बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा कर दी है, जिससे यह साफ है कि गठबंधन में फूट पड़ चुकी है।”

महाविकास अघाड़ी को मिली करारी हार

शाह ने याद दिलाया कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) को करारी हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (UBT) मिलकर भी 50 सीटें नहीं जीत पाईं, जबकि महायुति ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

बीएमसी चुनाव पर नजर

अमित शाह ने कहा कि अब महाराष्ट्र में जल्द ही बीएमसी चुनाव होने वाले हैं, और यह चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा बदलाव लाएगा। उन्होंने महायुति की जीत पर भरोसा जताते हुए कहा कि मुंबई की जनता एक बार फिर सही फैसला करेगी।

अमित शाह के बयान महाराष्ट्र की राजनीति में नई बहस को जन्म दे सकते हैं। जहां एक ओर उन्होंने महायुति की जीत पर जोर दिया, वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन में दरार की ओर भी इशारा किया। अब सभी की नजरें आगामी बीएमसी चुनाव पर हैं, जो महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा तय करेंगे।

Leave a Reply

Back to top button