इस्लाम और मुस्लिमों पर ज़हर उगलने वाले रामगिरी पर 76 केस दर्ज, लेकिन गिरफ्तारी अब तक नहीं
औरंगाबाद : मुस्लिम समुदाय और इस्लाम पर आपत्तिजनक बयानबाजी के लिए कुख्यात रामगिरी महाराज के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में 76 एफआईआर दर्ज हैं। इनमें से ज्यादातर मामले नफरती बयानों से संबंधित हैं। बावजूद इसके, पुलिस अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं कर पाई है।
पुलिस का पक्ष:
15 जनवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट में पुलिस ने बताया कि आरोपी रामगिरी महाराज को नोटिस जारी किया गया है, लेकिन अब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। नासिक जिले की सिन्नर पुलिस ने कोर्ट को सूचित किया कि इन मामलों में 7 साल से अधिक की सजा का प्रावधान नहीं है, इसलिए गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं समझी गई।
याचिकाकर्ता का आरोप:
याचिकाकर्ता के वकील एजाज नकवी ने पुलिस पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे ही मामलों में अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कोर्ट से आरोपी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। नकवी ने यह भी कहा कि रामगिरी के विवादास्पद वीडियो अभी भी ऑनलाइन मौजूद हैं, जबकि पुलिस ने दावा किया था कि वीडियो हटा दिए गए हैं।
15 अगस्त का विवादित बयान:
पिछले साल 15 अगस्त को नासिक जिले के सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गांव में एक धार्मिक आयोजन के दौरान रामगिरी ने पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के खिलाफ बयान दिया था। इस बयान के बाद महाराष्ट्र में भारी विरोध प्रदर्शन हुए और सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया।
रामगिरी का बचाव:
रामगिरी ने अपने बयान को यह कहकर सही ठहराया कि उसकी टिप्पणियां बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे ‘अत्याचारों’ के जवाब में थीं। उसने कहा, “मैंने जो कहा, उस पर कायम हूं और इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार हूं।”
विवादित पृष्ठभूमि:
रामगिरी महाराज का असली नाम सुरेश रामकृष्ण राणे है। 10वीं तक पढ़ाई करने के बाद उसने अध्यात्म का रास्ता चुना। जलगांव का रहने वाला रामगिरी 2009 में नारायणगिरी महाराज का उत्तराधिकारी बना। उसके विवादित बयानों ने उसे सुर्खियों में ला दिया है।
आलोचना और राजनीतिक विवाद:
रामगिरी के बयान के एक दिन बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उसके साथ मंच साझा किया, जिससे विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
सख्त कार्रवाई की मांग:
समाज में सांप्रदायिकता और नफरत फैलाने वाले ऐसे स्वयंभू महाराजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो रही है। कोर्ट ने पुलिस को चार हफ्तों में नोटिस की कॉपी पेश करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई जल्द होगी।