श्रद्धालुओं की आस्था पर भारी प्रशासन की नाकामी! महाकुंभ में भगदड़ से बड़ा हादसा, अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा
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प्रयागराज: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले बुधवार देर रात भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालुओं के हताहत होने की खबरें हैं। प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और योगी सरकार को घेरा।
अखिलेश यादव की सरकार से 5 अहम अपीलें
अखिलेश यादव ने एक्स (Twitter) पर लिखा:
“महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि! श्रद्धालुओं से अपील है कि इस कठिन समय में संयम और धैर्य बनाए रखें। सरकार को आज की घटना से सबक लेकर आवश्यक कदम उठाने चाहिए। हादसे में घायल सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।”
उन्होंने सरकार से 5 महत्वपूर्ण मांगें रखीं:
- गंभीर रूप से घायलों को एयर एंबुलेंस से सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों तक पहुंचाया जाए।
- मृतकों के शवों को शीघ्र चिन्हित कर उनके परिजनों तक पहुंचाया जाए।
- बिछड़े हुए श्रद्धालुओं को मिलाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।
- हेलीकॉप्टर से निगरानी बढ़ाई जाए ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
- शाही स्नान की परंपरा को सुरक्षित रखते हुए राहत कार्यों के बीच इसका आयोजन सुनिश्चित किया जाए।
अखाड़ों के शाही स्नान पर असमंजस
हादसे के बाद महंतों और अखाड़ों के शाही स्नान को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने पहले शाही स्नान रद्द करने की घोषणा की, लेकिन बाद में अपने बयान में बदलाव करते हुए कहा कि अखाड़े स्नान करेंगे और सरकार से बातचीत जारी है।
महाकुंभ में स्नान की परंपरा
महाकुंभ में सन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़े पारंपरिक रूप से भव्य जुलूस के साथ संगम तट पर पहुंचते हैं और तय क्रम में अमृत स्नान करते हैं। परंपरा के अनुसार, सबसे पहले पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी स्नान करता है, इसके बाद अन्य अखाड़े गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगाते हैं।
प्रशासन की लापरवाही से हुआ हादसा?
मेला प्रशासन ने मंगलवार को ही श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की सलाह दी थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने अपील की थी कि श्रद्धालु अफवाहों पर ध्यान न दें और भीड़भाड़ से बचें। इसके बावजूद, प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने में असफल रहा, जिसके कारण यह दुखद हादसा हुआ।
अब तक करोड़ों श्रद्धालुओं ने किया स्नान
- मौनी अमावस्या स्नान से पहले: 4.83 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे।
- मकर संक्रांति: 3.5 करोड़ श्रद्ध