मुंबई में मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर कार्रवाई तेज, BJP के अभियान के बाद पुलिस सख्त

मुंबई में मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर से अजान की आवाज को लेकर शिकायतों के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। सोमवार (17 फरवरी) को मुंबई पुलिस ने मस्जिदों के बाहर डेसिबल मीटर के जरिए लाउडस्पीकर के शोर स्तर की जांच शुरू की। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मानकों से अधिक शोर मचाने वाले लाउडस्पीकरों के खिलाफ मस्जिद प्रबंधन समितियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
BJP का अभियान और शिकायतें
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मुंबई की मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ अभियान शुरू किया है। पूर्व सांसद किरीट सोमैया और पार्टी के अन्य नेताओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। घाटकोपर, भांडुप और विक्रोली पुलिस थानों में बीजेपी डेलिगेशन ने मस्जिदों में बिना अनुमति लगाए गए लाउडस्पीकरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस की कार्रवाई और नोटिस
घाटकोपर पुलिस ने नूर के तैयबा मस्जिद को नोटिस जारी किया, जिसके बाद मस्जिद प्रबंधन ने पेनल्टी भरकर लाउडस्पीकर का परमिशन रिन्यू कराया। पुलिस ने चिराग नगर, सफा फाउंडेशन मस्जिद और अन्य मस्जिदों के डेसिबल लेवल की जांच की। 70 से 75 डेसिबल के बीच अजान की आवाज मिलने पर मानकों का पालन किया गया माना गया। वहीं विक्रोली की मदीना मस्जिद और दारुल अमन मस्जिद ने अनुमति नहीं ली थी, जिसके चलते कार्रवाई की जा रही है।
BJP का सख्त रुख
बीजेपी ने घाटकोपर की नई बनी मस्जिद में लगे 12 लाउडस्पीकरों पर भी कार्रवाई की मांग की है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक लाउडस्पीकर की आवाज से स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है।
माहौल बिगाड़ने का आरोप
जामा मस्जिद कमिटी के मुख्य प्रबंधक और पूर्व मंत्री नसीम खान ने इन कार्रवाइयों को चुनावी स्टंट बताया। उन्होंने कहा कि आगामी बीएमसी चुनावों के चलते माहौल खराब करने और राजनीतिक लाभ उठाने के लिए ये सब किया जा रहा है।
ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण पर पुलिस का बयान
पुलिस ने स्पष्ट किया कि जो भी नॉइस पॉल्यूशन के मानकों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कई मस्जिदों से अब तक पेनल्टी वसूली जा चुकी है और आगे भी जांच जारी रहेगी।