वक्फ बिल को JPC की हरी झंडी, असदुद्दीन ओवैसी बोले – एक रात में 655 पन्ने पढ़ना मुमकिन नहीं
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वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने संशोधित ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है। इस ड्राफ्ट के समर्थन में 16 सदस्यों ने वोट दिया, जबकि 11 सांसदों ने इसका विरोध किया। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि अब यह रिपोर्ट गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सामने पेश की जाएगी।
विपक्ष ने जताई नाराजगी
विधेयक को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हमें मंगलवार रात 655 पन्नों की ड्राफ्ट रिपोर्ट मिली। एक रात में इसे पढ़ना और असहमति की रिपोर्ट देना नामुमकिन है। हमने इस विधेयक के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराई है और संसद में भी इसका विरोध करेंगे।”
ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड के हितों के खिलाफ है और इससे मस्जिदों और अन्य वक्फ संपत्तियों पर असर पड़ेगा। कांग्रेस, DMK, TMC, AAP और AIMIM समेत कई विपक्षी दलों ने JPC की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और इसे जल्दबाजी में पारित करने का आरोप लगाया।
जेपीसी की 38 बैठकें हुईं
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन 8 अगस्त 2024 को हुआ था और तब से अब तक इसकी 38 बैठकें हो चुकी हैं। अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि विधेयक के लागू होने के बाद वक्फ बोर्ड पारदर्शी और प्रभावी ढंग से कार्य कर सकेगा।
हालांकि, विपक्षी सांसदों का कहना है कि उन्हें रिपोर्ट पढ़ने का पूरा समय नहीं दिया गया और उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया है। कई सांसदों ने अपनी असहमति दर्ज कराई है, जबकि अन्य को शाम 4 बजे तक अपनी राय देने की समय सीमा दी गई है। अब यह विधेयक संसद में पेश होने के बाद राजनीतिक विवाद का केंद्र बन सकता है।