प्रयागराज बुलडोजर एक्शन: सुप्रीम कोर्ट का योगी सरकार को झटका, मुआवजा देने का आदेश

प्रयागराज में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर मकान गिराना अवैध था और यह पूरी प्रक्रिया कानून के खिलाफ थी। कोर्ट ने आदेश दिया कि जिन लोगों के घर गलत तरीके से तोड़े गए, उन्हें राज्य सरकार की ओर से 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह मुआवजा भविष्य के लिए एक मिसाल बनेगा ताकि सरकारें बिना उचित प्रक्रिया के आम नागरिकों के घर न गिराएं। इससे पहले 7 मार्च को भी कोर्ट ने यूपी सरकार को बुलडोजर कार्रवाई को लेकर कड़ी चेतावनी दी थी।
गलत पहचान बनी तबाही की वजह
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि प्रशासन ने गलती से उनकी संपत्तियों को गैंगस्टर अतीक अहमद की संपत्ति समझ लिया और कार्रवाई कर दी। इस गलती की वजह से एक वकील, एक प्रोफेसर और तीन अन्य लोगों के घर बुलडोजर से जमींदोज कर दिए गए। कोर्ट ने कहा कि अब राज्य सरकार अपने खर्चे पर इन घरों का पुनर्निर्माण करवाएगी।
बच्ची के वीडियो ने मचाया था हड़कंप
अदालत ने अंबेडकर नगर की उस घटना का भी जिक्र किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। 23 मार्च को सामने आए इस वीडियो में बुलडोजर से गिरती झोपड़ी के पास एक बच्ची अपनी किताबें बचाने के लिए दौड़ती हुई नजर आई थी। इस मार्मिक दृश्य ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल खड़े कर दिए।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। अदालत के सख्त रुख के बाद देखना होगा कि यूपी सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।