मिशन लोकसभा 2029: ज़मीन से संसद तक का रास्ता बताएंगे खान एजाज़ अहमद

देशहित में क्रांतिकारी बदलाव लाने की इच्छा रखने वाले समाजसेवकों के लिए ‘मिशन लोकसभा 2029’ के नेता खान एजाज़ अहमद ने एक प्रोत्साहनात्मक संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि “यदि आप सच में आने वाले चुनावों में जीत दर्ज करना चाहते हैं, तो अभी से ज़मीनी स्तर पर कार्य करना आवश्यक है।“*
राजनीति नहीं, जनसेवा है रास्ता:
खान एजाज़ अहमद ने कहा कि एक सच्चा उम्मीदवार किसी संगठन या पार्टी से नहीं, बल्कि अपने “नाम और काम” से पहचाना जाता है। इसके लिए समाजसेवकों को आज से ही आम जनता से संपर्क बढ़ाना चाहिए – उनके सुख-दुख में साथ देना, उनकी हर संभव सहायता करना ही सच्ची लोकसेवा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “आखिरी समय में उभरने वाले ‘बरसाती मेंढकों’ की तरह राजनीति में कूदने से कोई लाभ नहीं होता।”
बिना खर्च के चुनाव जीतने का मॉडल:
खान एजाज़ अहमद की चुनावी संकल्पना अद्वितीय है – यह बिना बैनर, झंडे, कार्यकर्ताओं और भारी-भरकम खर्चे के चुनाव लड़ने का आत्मनिर्भर मॉडल है। इसमें पारदर्शिता, धर्मनिरपेक्षता, ईमानदारी और इंसानियत को मूल आधार मानते हुए जनहित और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दी जाती है।
2019 का अनुभव बना प्रेरणा:
2019 के औरंगाबाद लोकसभा चुनाव में, एजाज़ अहमद ने बिना किसी बड़ी पार्टी या संगठन के समर्थन के पाँचवां स्थान प्राप्त किया था। उन्होंने बताया कि उनके हज़ारों वोटर्स अब लाखों में तब्दील हो चुके हैं – और यह सिर्फ उनके निरंतर जनसंपर्क और ज़मीनी काम का नतीजा है।
संकल्पना की विशेषताएं:
- बिना खर्च के चुनाव प्रचार
- कोई पार्टी, बैनर या कार्यकर्ता नहीं
- पराजित योग्य उम्मीदवारों को “उप सांसद” का दर्जा
- बुद्धिजीवियों व जनता के घोषणा पत्र पर आधारित विकास
- सरकार से समन्वय कर योजनाओं को धरातल पर लाना
खान एजाज़ अहमद की अपील:
उन्होंने भविष्य के समाजसेवकों और संभावित उम्मीदवारों से आह्वान किया कि वे उनकी संकल्पना का अनुसरण करते हुए अभी से मैदान में उतरें। “यदि तुम अभी से ईमानदारी और सेवा के साथ काम शुरू करोगे, तो आने वाले चुनाव में आत्मनिर्भरता से जीत तुम्हारे कदम चूमेगी,” उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा।
मिशन लोकसभा 2029 के तहत खान एजाज़ अहमद देशभर में ऐसे ही युवाओं और समाजसेवकों को तैयार कर रहे हैं, जो परंपरागत राजनीति से हटकर, जनता की ताकत से परिवर्तन ला सकें।