कानून या विवाद? SC में घिरे मोदी सरकार के ये 5 बड़े फैसले, तीन तलाक से वक्फ बिल तक

नई दिल्ली : वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को संसद के दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—से मंजूरी मिल गई है। विधेयक पर दोनों सदनों में देर रात तक चर्चा चली, जिसमें विपक्ष ने जमकर विरोध किया। बावजूद इसके, बिल पास हो गया और अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है।
सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इस विधेयक की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन करता है।
पहले भी सरकार के फैसले कोर्ट में पहुंचे
यह पहली बार नहीं है जब केंद्र सरकार के किसी बड़े फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई हो। इससे पहले अनुच्छेद 370, ट्रिपल तलाक, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), और इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे मुद्दों पर भी शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है।
अनुच्छेद 370:
- सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को वैध ठहराया।
- कोर्ट ने राज्य में सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने और राज्य का दर्जा बहाल करने के निर्देश दिए।
इलेक्टोरल बॉन्ड:
- अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताया और तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया।
- सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारियां सार्वजनिक करने को कहा।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA):
- सुप्रीम कोर्ट ने CAA पर रोक लगाने से इंकार किया।
- मामला अभी भी न्यायिक विचाराधीन है।
तीन तलाक:
- मुस्लिम महिलाओं (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के खिलाफ सुनवाई जारी है।
- कोर्ट ने केंद्र से कानून लागू होने के बाद के आँकड़े मांगे हैं।
- चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने तलाक को अपराध घोषित करने पर सवाल उठाया।
नज़रें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर
अब वक्फ संशोधन विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अहम माना जा रहा है, जो न सिर्फ मुस्लिम समुदाय बल्कि देश की राजनीति और धार्मिक संस्थानों के संचालन को प्रभावित कर सकता है।