मुगल वंशज प्रिंस याकूब तुसी की चेतावनी: वक्फ विवाद अब पहुंचेगा संयुक्त राष्ट्र

नई दिल्ली। देश में वक्फ संपत्ति को लेकर जारी बहस अब सियासी रंग लेती जा रही है। संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बावजूद यह मुद्दा थमता नजर नहीं आ रहा। इस बीच खुद को मुगल वंशज बताने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
वीडियो संदेश के माध्यम से प्रिंस तुसी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह “अल्लाह की मिल्कियत” यानी वक्फ संपत्तियों पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “आपके पास एक भी मुस्लिम सांसद नहीं है, एकमात्र अल्पसंख्यक मंत्री को भी बाहर कर दिया गया। अब अचानक आपको वक्फ संपत्तियों में दिलचस्पी कैसे जाग गई?”
इतिहास और तैमूर का जिक्र
प्रिंस तुसी ने अपने बयान में इतिहास को खंगालते हुए कहा, “1426 में बाबर ने 12,000 सैनिकों के साथ हिंदुस्तान में प्रवेश किया था। बाबर से लेकर बहादुर शाह ज़फ़र तक का शासन इतिहास में दर्ज है। आपने तैमूर के खून को ललकारा है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चेतावनी देते हुए कहा कि यह लड़ाई अब अंतरराष्ट्रीय मंचों और संयुक्त राष्ट्र तक पहुंचेगी।
20 करोड़ मुसलमानों का समर्थन
तुसी का दावा है कि “20 करोड़ हिंदुस्तानी मुसलमान वक्फ संपत्तियों की हिफाजत के लिए एकजुट हैं।” उन्होंने इस विवाद को धर्म और विरासत का मसला बताया, जिस पर किसी एक सरकार या संस्था का कब्जा नहीं हो सकता।
प्रिंस तुसी: विवादों से घिरे ‘मुगल वंशज’
प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी खुद को अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फर का वंशज बताते हैं। ताजमहल पर दावा करने सहित उनके कई बयान चर्चा का विषय बनते रहे हैं। हालांकि इतिहासकार उनके दावों को लेकर एकमत नहीं हैं, लेकिन वे लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं।
क्या होगा विवाद का अंजाम?
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह मामला वाकई अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचेगा या देश की न्यायपालिका में ही इसका समाधान होगा? फिलहाल, वक्फ संपत्तियों को लेकर उठी बहस ने सियासी और धार्मिक माहौल में एक नई हलचल पैदा कर दी है।