PM मोदी के वक्फ बयान पर ओवैसी का पलटवार: “अगर संघ की संपत्ति का सही इस्तेमाल होता, तो मोदी को चाय नहीं बेचनी पड़ती”

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक्फ संपत्ति और मुस्लिम युवाओं को लेकर दिए गए बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा पलटवार किया है। हरियाणा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि वक्फ बोर्ड के पास देशभर में लाखों हेक्टेयर जमीन है, जिसका इस्तेमाल अगर ईमानदारी से होता, तो मुस्लिम युवाओं को पंक्चर जोड़ने का काम नहीं करना पड़ता।
ओवैसी का तंज: “मोदी को चाय नहीं बेचनी पड़ती”
प्रधानमंत्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“अगर वक्फ की संपत्तियों का ठीक से इस्तेमाल होता तो मुसलमान नौजवानों को पंक्चर नहीं बनाना पड़ता। अगर संघ परिवार की सोच और संपत्ति देशहित में इस्तेमाल होती, तो मोदी को चाय नहीं बेचनी पड़ती।”
गरीबी और बेरोजगारी पर उठाए सवाल
ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि,
“पिछले 11 साल में मोदी ने गरीब भारतीयों — चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान — उनके लिए क्या किया? आज भी देश के 33% लोग बिना नौकरी और शिक्षा के जीवन जी रहे हैं।”
वक्फ संशोधन पर जताई चिंता
ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि वक्फ की संपत्तियों की हालत खराब होने के पीछे कारण यह है कि वक्फ प्रशासन को जानबूझकर कमजोर रखा गया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन कानून से स्थिति और बदतर हो जाएगी।
राजनीतिक गर्मी तेज
PM मोदी और ओवैसी के इन बयानों से साफ है कि चुनावी माहौल में वक्फ और मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दे अब सियासी बहस के केंद्र में आ चुके हैं। एक तरफ प्रधानमंत्री इसे गरीब मुस्लिमों की भलाई से जोड़ते नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे “राजनीतिक नौटंकी” और “ध्यान भटकाने की कोशिश” करार दे रहा है।
इस पूरे विवाद ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके वास्तविक लाभार्थियों के सवालों को फिर से चर्चा में ला दिया है।