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कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में खून के थक्के बनने की बात मानी, सारी मौतें वैक्सीन से: डॉ. सुसन राज

देशभर में युवाओं की अचानक हो रही मौतों ने चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में एक क्रिकेट खेलते युवा की मैदान पर, एक छात्रा की कॉलेज में भाषण देते वक्त, रामलीला मंच पर हनुमान का किरदार निभा रहे कलाकार की मंच पर, और एक नववधू की जयमाला डालते समय हुई मौत ने सबको चौंका दिया है। ये सभी मामले बिना किसी पूर्व बीमारी या चेतावनी के हुए हैं।

इन घटनाओं को लेकर आशंका जताई जा रही है कि क्या ये सब कोविड वैक्सीनेशन, खासकर कोविशील्ड के दुष्परिणाम हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में यह स्वीकार किया है कि उनके टीके से ब्लड क्लॉट (खून के थक्के) बनने की संभावना होती है।

मुंबई उच्च न्यायालय के अधिवक्ता निलेश ओझा ने कोविशील्ड और भारत सरकार के विरुद्ध जनहित याचिकाएं दायर कर यह मुद्दा उठाया था। उनके प्रयासों से यह जानकारी अदालत में सामने आई कि वैक्सीन से खून का थक्का जमने जैसी घातक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

डॉ. सुसन राज, जो कि मध्य प्रदेश के राजनंदगांव जिले से हैं, दावा करती हैं कि कोविड वैक्सीन ही देशभर में हो रही इन मौतों का कारण है। वे सभी टीकाकरण करवाने वालों को ‘सेल्फ डिटॉक्स’ करने की सलाह देती हैं जिससे शरीर को संभावित वैक्सीनी विष से मुक्त किया जा सके। डॉ. सुसन ज़ूम के माध्यम से लोगों को डिटॉक्स ट्रेनिंग दे रही हैं, जिसमें ऑक्सीकरण, जलयोजन, उपवास (ऑटोफैगी), एंडोक्राइन संतुलन, तथा योग-प्राणायाम जैसे उपायों को अपनाया जाता है।

एक वर्ग वैक्सीनेशन और इन मौतों के बीच संबंध से इंकार करता है, लेकिन वे भी इसका स्पष्ट कारण नहीं बता पा रहे हैं। वहीं, सरकार की ओर से अब तक न तो इन अचानक हो रही मौतों की संख्या बताई गई है और न ही किसी जांच की घोषणा की गई है, जिससे आम जनमानस में भ्रम और असुरक्षा का वातावरण बना हुआ है।

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