जालना में भाजपा कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने अपनी पिछली हार पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि वह “कच्ची गोटियां खेलने वाले” व्यक्ति नहीं हैं और बड़े-बड़े दिग्गजों को हराया है। दानवे ने यह बयान देकर यह जताया कि उनके खिलाफ लगातार बयानबाजी और उनकी हार का श्रेय लेने वालों से वह बिल्कुल खुश नहीं हैं। उन्होंने बिना नाम लिए शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग उनकी हार का क्रेडिट ले रहे हैं, लेकिन वह गठबंधन के तहत काम करते हुए बेईमानी नहीं करेंगे।
भाजपा कार्यकर्ताओं की मांग: जालना विधानसभा सीट भाजपा को मिले
भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने इस सभा में दानवे से जालना विधानसभा सीट भाजपा को दिलाने की मांग की। जालना विधानसभा सीट, जो वर्तमान में शिवसेना (शिंदे गुट) के कब्जे में है, महायुती के भीतर विवाद का कारण बनती दिख रही है। रावसाहेब दानवे ने आश्वासन दिया कि वह जालना और घनसावंगी विधानसभा सीटें भाजपा के लिए सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास करेंगे।
महायुती में सीट बंटवारे पर घमासान की संभावना
दानवे के इस बयान के बाद महायुती में सीट बंटवारे को लेकर विवाद की संभावनाएं बढ़ गई हैं। जालना विधानसभा सीट पर भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) दोनों ने दावा किया है। परंपरागत रूप से यह सीट शिवसेना के पास रही है, लेकिन अब भाजपा भी इस पर अपना अधिकार जता रही है। इस वजह से महायुती के भीतर टकराव और अधिक गहराने की संभावना है।
अर्जुन खोतकर की तीखी टिप्पणी
जालना की तैयारी बैठक में शिवसेना नेता अर्जुन खोतकर ने बिना नाम लिए रावसाहेब दानवे पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमें संकट में डाला है, उनसे सावधान रहना चाहिए और उनके साथ विश्वासघात करने से बचना चाहिए। खोतकर ने कहा, “जिन लोगों ने हमें परेशान किया, उनका विनाश सुनिश्चित है।” इस बयान को सीधे तौर पर रावसाहेब दानवे पर निशाना माना जा रहा है, जिन्होंने शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ अपनी पार्टी के मतभेदों के बीच काम किया है।
अब्दुल सत्तार का दानवे पर कटाक्ष
राज्य मंत्री और शिवसेना नेता अब्दुल सत्तार ने भी रावसाहेब दानवे की लोकसभा चुनाव में हार पर अपनी खुशी जाहिर की थी। उन्होंने चुनाव के बाद कांग्रेस सांसद कल्याण काळे से मुलाकात कर उनका सत्कार किया, जिससे महायुती के भीतर दरार की खबरें और तेज हो गई थीं। सत्तार का यह कदम दर्शाता है कि महायुती के भीतर व्यक्तिगत स्तर पर टकराव और असंतोष मौजूद है।
महायुती में सीट के लिए संघर्ष
जालना विधानसभा सीट भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) दोनों के लिए महत्वपूर्ण बन गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह सीट भाजपा को मिलनी चाहिए, और रावसाहेब दानवे के भाई भास्कर दानवे ने भी इस सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। भास्कर दानवे ने स्पष्ट रूप से कहा कि कार्यकर्ता चाहते हैं कि भाजपा को जालना की सीट दी जाए।
आने वाले समय में महायुती में किसे मिलेगी जालना की सीट?
अब सभी की नजरें इस पर हैं कि महायुती में जालना विधानसभा सीट किसे दी जाती है। भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच चल रहे विवाद के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि महायुती के भीतर अंततः किसका दबदबा कायम रहता है। इस सीट के बंटवारे को लेकर महायुती में तकरार तेज होने की उम्मीद है, और इसका असर आगामी विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि जालना विधानसभा सीट को लेकर भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच राजनीतिक संघर्ष और अधिक गहराएगा, जिसका प्रभाव आने वाले चुनावों पर भी पड़ने की संभावना है।