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हरियाणा चुनाव: नूह दंगे के आरोपी बिट्टू बजरंगी की करारी हार, हुई जमानत जब्त

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल करते हुए 48 सीटों पर कब्जा किया। कांग्रेस ने 37 सीटें जीतीं, जबकि इनेलो ने 2 और निर्दलीय प्रत्याशियों ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की। इस चुनाव में कई सीटों के नतीजे चौंकाने वाले रहे। खासकर फरीदाबाद-एनआईटी विधानसभा सीट पर बीजेपी की बड़ी जीत चर्चा का विषय रही।

फरीदाबाद-एनआईटी सीट पर बीजेपी का दबदबा

फरीदाबाद-एनआईटी सीट से बीजेपी के सतीश फागना ने शानदार जीत दर्ज की। उन्हें 91,992 वोट मिले, जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी, कांग्रेस के नीरज शर्मा को 58,775 वोट मिले और वे दूसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर स्वघोषित गौरक्षक और नूंह हिंसा के आरोपी राजकुमार उर्फ बिट्टू बजरंगी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन उसे करारी हार का सामना करना पड़ा।

बिट्टू बजरंगी की करारी हार

बिट्टू बजरंगी को मात्र 288 वोट मिले, जिससे वह सातवें स्थान पर रहे और उसकी जमानत जब्त हो गई। सतीश फागना ने उसे 91,704 वोटों के बड़े अंतर से हराया। चुनाव से पहले बिट्टू बजरंगी ने बीजेपी प्रत्याशी सतीश फागना को अपना समर्थन दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सतीश फागना के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया था। उसी जनसभा में बिट्टू बजरंगी ने मंच से सतीश फागना के पक्ष में अपने कदम पीछे हटाने की घोषणा की थी और अपना समर्थन जताया था।

बिट्टू बजरंगी: एक विवादित शख्सियत

फरीदाबाद की पर्वतीय कॉलोनी का निवासी बिट्टू बजरंगी, जिसका असली नाम राजकुमार है, खुद को हनुमान भक्त बताता है और इसी कारण लोग उसे ‘बजरंगी’ कहने लगे। वह गोरक्षा के नाम पर काफी सक्रिय रहता है और गोरक्षा बजरंग फोर्स नामक संगठन भी चलाता है। इसके अलावा, बिट्टू बजरंगी बीजेपी के कार्यक्रमों में भी शामिल होता रहता है, हालांकि उसके पास बीजेपी में कोई औपचारिक पद नहीं है।

बजरंगी का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, और नूंह हिंसा के आरोप में वह चर्चा में आया था। हालांकि, चुनाव में उसे जनता का समर्थन नहीं मिल पाया और वह बुरी तरह हार गया।

चुनाव में बीजेपी की मजबूत पकड़

बीजेपी की इस जीत ने हरियाणा में उसकी मजबूत पकड़ को और पुख्ता कर दिया है। फरीदाबाद-एनआईटी सीट पर सतीश फागना की जीत के साथ, बीजेपी ने अपनी पकड़ को बरकरार रखा है। इस जीत के बाद यह भी साफ हो गया कि बीजेपी के प्रत्याशियों को जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त है, जबकि निर्दलीय और अन्य दलों के प्रत्याशी इस बार जनता का विश्वास जीतने में नाकाम रहे।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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