महाकुंभ स्नान को लेकर राज ठाकरे का विवादित बयान – बोले, ‘गंगा का गंदा पानी छूना भी पसंद नहीं’

पिंपरी चिंचवड़: महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लोगों को अंधविश्वास से बाहर निकलना चाहिए और मैं उस गंगा के गंदे पानी को भी नहीं छूऊंगा, जहां करोड़ों लोगों ने स्नान किया है।
राज ठाकरे मनसे के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर पिंपरी चिंचवड़ में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कुंभ मेले में अमृत स्नान करने वालों का मजाक उड़ाते हुए कहा, “बाला नांदगांवकर वहां का पानी लेकर आए, मैंने कहा मैं इसे नहीं पियूंगा।”
‘इतने लोगों के स्नान के बाद पानी कैसे साफ हो सकता है?’
राज ठाकरे ने सवाल उठाया कि अगर लोग अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए गंगा में स्नान करने जाते हैं, तो क्या वे सच में अपने पापों से मुक्त हो सकते हैं? उन्होंने इस मुद्दे को गंगा की सफाई से जोड़ते हुए कहा कि यह विश्वास और अंधविश्वास का मामला है।
गंगा के प्रदूषण पर कसा तंज
राज ठाकरे ने गंगा नदी के प्रदूषण पर कटाक्ष करते हुए कहा, “हमारे देश में कोई भी नदी साफ नहीं है, फिर भी हम उन्हें माता मानते हैं। विदेशों में नदियां साफ-सुथरी होती हैं, लेकिन वहां उन्हें माता नहीं कहा जाता। हमारे यहां लोग नदियों में नहाते हैं, कपड़े धोते हैं और जो चाहें करते हैं।”
राज ठाकरे के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। हिंदू संगठनों और कई धार्मिक समूहों ने उनकी इस टिप्पणी की निंदा की है। अब देखना यह होगा कि इस बयान पर कौन-कौन प्रतिक्रिया देता है और आगे यह विवाद कितना बढ़ता है।