वाल्मिक कराड ने शिवराज बांगर को फंसाने की रची साजिश – जितेंद्र आव्हाड का आरोप

बीड: सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के मास्टरमाइंड वाल्मिक कराड के कई कारनामे सामने आ रहे हैं। हत्या और फिरौती के मामलों में आरोपी वाल्मिक कराड द्वारा खंडणी देने का एक चौंकाने वाला मामला चर्चा में है। इस एफआईआर के सामने आने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या वाल्मिक कराड पुलिस पर दबाव बनाकर झूठे मुकदमे दर्ज करवा रहा था?
वाल्मिक कराड पर खुद फिरौती देने का मामला दर्ज होना हैरान करने वाला है। पुलिस शिकायत के मुताबिक, उसने अपनी सुरक्षा के लिए खंडणी दी थी। एफआईआर में कहा गया है कि शिवराज बांगर ने वाल्मिक कराड से 15 लाख रुपये की फिरौती वसूली थी। यह आरोप धनंजय मुंडे के जगमित्र कार्यालय के गणेश उगले द्वारा लगाए गए हैं।
हालांकि, एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया है कि यह पूरा मामला शिवराज बांगर को फंसाने की साजिश है, जिसे वाल्मिक कराड और उसकी गैंग ने रचा है।
शिवराज बांगर को पांच साल तक प्रताड़ित किया – जितेंद्र आव्हाड
जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट कर कहा, “शिवराज बांगर गन्ना मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। वह भगवानगड के पास गन्ना मजदूरों की सभा आयोजित करते हैं। वंजारी समाज का यह युवा राजनीतिक रूप से मजबूत हो रहा है, इसलिए धनंजय मुंडे और वाल्मिक कराड ने उसे और उसके परिवार को पिछले पांच सालों से प्रताड़ित किया है।”
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने भी इस एफआईआर पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “वाल्मिक कराड को कोई धमकी दे सकता है, यह मेरी समझ से परे है।”
बीड जिले में पुलिस और राजनीति का गठजोड़?
बीड जिले में पुलिस और राजनीति का गठजोड़ कोई नया मुद्दा नहीं है। वर्षों से यह चर्चा होती रही है कि राजनीतिक विरोधियों को झूठे मुकदमों में फंसाकर उनका करियर खत्म करने की साजिश रची जाती है। शिवराज बांगर के खिलाफ दर्ज इस एफआईआर को देखने के बाद यह आरोप और मजबूत हो जाता है।
इस पूरे मामले से बीड जिले में पुलिस की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना यह है कि इस विवादित एफआईआर पर सरकार और पुलिस प्रशासन क्या कार्रवाई करता है।