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मुंबई में आंतरजातीय प्रेम के चलते हत्या, मृतदेह के 7 टुकड़े कर रंग के डब्बों में रखे

मुंबई के गोराई इलाके में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां आंतरजातीय प्रेम के चलते एक युवक की हत्या कर उसके शव के 7 टुकड़े कर रंग के डब्बों में भरकर फेंक दिया गया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद मृतक की पहचान बिहार के दरभंगा जिले के 21 वर्षीय रघुनंदन पासवान के रूप में की है। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।

टैटू से हुई मृतक की पहचान

रघुनंदन के परिवार ने उनके हाथ पर बने “RA” नाम के टैटू से उनकी पहचान की। टैटू में “R” रघुनंदन का और “A” उस लड़की का नाम था, जिससे वह प्रेम करता था। पुलिस के अनुसार, इस आंतरजातीय रिश्ते से लड़की के परिवार वाले नाखुश थे। बताया जा रहा है कि रघुनंदन के इस संबंध को लेकर लड़की के भाइयों ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी।

आंतरजातीय प्रेम संबंध बना हत्या का कारण

पुलिस की जानकारी के मुताबिक, 17 साल की लड़की के भाइयों ने भाईंदर में रघुनंदन की हत्या कर दी और बाद में उसके शव के टुकड़े गोराई में फेंक दिए। रघुनंदन के पिता जितेंद्र पासवान ने बताया कि उनके बेटे और लड़की के बीच पिछले कुछ समय से संबंध थे, जिसकी जानकारी लड़की के परिवार को हो गई थी। लड़की के छोटे भाई ने इस रिश्ते का विरोध किया और रघुनंदन को धमकाया था।

हत्या के बाद परिवार को धक्का

जितेंद्र पासवान ने बताया कि उनका बेटा पहले बिहार में एक अस्पताल में काम करता था, जहां उसने इस लड़की की मदद की थी। इस दौरान दोनों में दोस्ती हो गई थी। दिवाली की छुट्टी के दौरान वह अपने घर आया था और अचानक 31 अक्टूबर को दोस्तों के साथ मुंबई जाने की बात कहकर निकल गया। इसके बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया, जिसके बाद घबराए पिता ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।

लड़की के परिवार पर हत्या की साजिश का आरोप

जितेंद्र पासवान का आरोप है कि लड़की के भाई ने अन्य लोगों के साथ मिलकर रघुनंदन को पुणे से मुंबई बुलाया और फिर अंधेरी इलाके में उसकी हत्या कर दी। उनके अनुसार, इस घटना से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा गांव भी सदमे में है।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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