इटावा सामूहिक हत्याकांड: कारोबारी ने रची परिवार खत्म करने की साजिश, सुसाइड का रचा ड्रामा
उत्तर प्रदेश के इटावा में 10 नवंबर को सामने आए सामूहिक खुदकुशी के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। शुरुआती जांच में इसे कर्ज और धोखे से परेशान एक कारोबारी द्वारा परिवार समेत खुदकुशी की कोशिश बताया गया था, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि यह सामूहिक खुदकुशी नहीं, बल्कि साजिशन हत्याकांड था। इस साजिश को खुद परिवार के मुखिया और सर्राफा कारोबारी मुकेश वर्मा ने रचा था।
क्या है पूरा मामला?
10 नवंबर की सुबह इटावा के लालपुरा मोहल्ले में मुकेश वर्मा के घर से उसकी पत्नी और तीन बच्चों की लाश मिली थी। मुकेश को रेलवे ट्रैक पर खुदकुशी की कोशिश करते हुए बचा लिया गया। उसने दावा किया कि कर्ज और धोखे से परेशान होकर उसने अपने परिवार के साथ यह कदम उठाया। लेकिन जब पुलिस ने मामले की जांच की, तो सच पूरी तरह अलग निकला।
कैसे खुली साजिश की पोल?
- मुकेश ने खुद ट्रेन की पटरी पर लेटकर मरने का नाटक किया, लेकिन यह ड्रामा रुकी हुई ट्रेन के सामने किया।
- पुलिस को शक हुआ और मुकेश की कॉल डिटेल्स की जांच की।
- जांच में सामने आया कि मुकेश का कानपुर की एक तलाकशुदा महिला के साथ अफेयर था।
- इसी रिश्ते को लेकर उसका पत्नी से अक्सर झगड़ा होता था।
- मुकेश ने परिवार से छुटकारा पाने और अपनी गर्लफ्रेंड के साथ जिंदगी बिताने के लिए यह खतरनाक साजिश रची।
वारदात की रात का सच
- मुकेश ने 9-10 नवंबर की रात अपने परिवार के चारों सदस्यों की हत्या कर दी।
- इसके बाद दिनभर सामान्य व्यवहार करता रहा।
- रात में खुदकुशी का ड्रामा किया, लेकिन पुलिस ने उसकी चालाकी पकड़ ली।
मामले में नए सवाल
- जांच के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध नंबर मिला, जो वारदात के वक्त एक्टिव था।
- सवाल उठता है कि क्या इस साजिश में कोई और भी शामिल था?
- मुकेश के लिखे सुसाइड नोट में उसने अपने भाइयों पर आरोप लगाए थे, लेकिन पुलिस का मानना है कि यह भी एक झूठी कहानी थी।
जांच जारी, दोषियों पर कार्रवाई की तैयारी
मुकेश वर्मा की साजिश का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस अब हर एंगल से मामले की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि यह खुदकुशी का मामला नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्याकांड है। जल्द ही अन्य संदिग्धों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।
इटावा का यह मामला बताता है कि रिश्तों में छल और लालच किस हद तक इंसान को हैवान बना सकता है।