संजय राउत का केंद्र सरकार पर तीखा हमला: “वक्फ संशोधन बिल हिंदुत्व से नहीं, अवैध कामों को वैध बनाने की साजिश है”

नई दिल्ली : वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2025 के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – से पास होते ही सियासी भूचाल आ गया है। शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने इस बिल को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट पर बड़ा हमला बोला है।
“हिंदुत्व से नहीं, अपने अवैध कामों को वैध करने के लिए लाया गया बिल”
संजय राउत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह बिल किसी भी रूप में हिंदुत्व से जुड़ा हुआ नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि “इस बिल के ज़रिए सरकार उन लोगों के अवैध कामों को वैध रूप देने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने वर्षों से वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया है।” उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता खुद उनके संपर्क में थे और चाहते थे कि शिवसेना यूबीटी इस बिल का समर्थन करे।
“हमारे कुछ सांसद बाहर न होते तो वोटिंग में सरकार का और विरोध होता”
राउत ने कहा कि पार्टी की रणनीति बिल के विरोध की थी, और यदि उनके कुछ सांसद संसद में उपस्थित होते, तो और भी ज़ोरदार तरीके से बिल का विरोध दर्ज होता।
शिंदे गुट को बताया “डरपोक चेले”
संजय राउत ने एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को भाजपा की कठपुतली करार देते हुए कहा, “ये लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के चेले हैं। ये बोल नहीं सकते, सिर्फ सिर हिलाते हैं। डर की राजनीति इनके डीएनए में है।”
प्रधानमंत्री मोदी के थाईलैंड दौरे पर विवादित बयान
संजय राउत ने पीएम नरेंद्र मोदी के थाईलैंड दौरे पर तंज कसते हुए कहा, “जब देश को अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर से खतरा है, जब भारत पर 26% ड्यूटी का आक्रमण हुआ है, तब हमारे प्रधानमंत्री बैंकॉक में ‘मन और दिमाग का मसाज’ करवा रहे हैं।”
उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे गंभीर वैश्विक हालात में प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा का औचित्य क्या है?
संसद में दिया था विवादास्पद भाषण
विधेयक पर चर्चा के दौरान राउत ने संसद में कहा था, “दो दिन से संसद के दोनों सदनों में गरीब मुसलमान की बहुत चिंता की जा रही है। इतनी चिंता देखकर डर लगने लगा है – मुसलमान भी डरे हैं, हिंदू भी डरे हैं। इतनी चिंता तो मोहम्मद अली जिन्ना ने भी नहीं की थी।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें तो लगता था कि हम सब मिलकर एक हिंदू राष्ट्र बना रहे हैं, लेकिन अब लगता है आप हिंदू पाकिस्तान बना रहे हैं।”
“असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की चाल”
राउत का आरोप है कि सरकार इस बिल के ज़रिए जनता का ध्यान आर्थिक मुद्दों से हटाना चाहती है। “डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैक्स बढ़ा दिए, डॉलर मज़बूत हो रहा है, रुपया गिर रहा है, हमारी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने वाला है – इन मुद्दों पर कोई बात नहीं कर रहा। आपने हिंदू-मुसलमान का मुद्दा लाकर असल बहस से देश को भटका दिया।”
राजनीतिक माहौल गरमाया
संजय राउत के इस बयान से संसद और मीडिया में नई बहस शुरू हो गई है। एक ओर सत्ता पक्ष इस बिल को “मुसलमानों के हक़ में सुधार” बताकर पेश कर रहा है, तो वहीं विपक्ष इसे “राजनीतिक एजेंडा” बता रहा है।