राजस्थान के दौसा जिले में 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरे 5 वर्षीय आर्यन की मौत हो गई। 57 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद गुरुवार देर रात आर्यन को बाहर निकाला गया, लेकिन अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस खबर से परिवार और इलाके में गम का माहौल है।
कैसे हुआ हादसा?
रविवार को आर्यन खेत में अपनी मां के साथ खेलते समय खुले बोरवेल में गिर गया। बोरवेल 3 साल पहले खुदवाया गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं हो रहा था। आर्यन के पिता जगदीश मीना ने बताया कि वह बाजार गए हुए थे, उसी दौरान यह हादसा हुआ।
रेस्क्यू ऑपरेशन का संघर्ष
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने लगातार बचाव कार्य किया। ऑक्सीजन सप्लाई जारी रखते हुए बच्चे को सुरक्षित निकालने की कोशिश की गई। 160 फीट गहरे बोरवेल के पास पाइलिंग मशीन से 155 फीट गहरा सुरंगनुमा गड्ढा खोदा गया। बावजूद इसके, आर्यन को बचाया नहीं जा सका। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार रात 2 बजे के बाद आर्यन की कोई हलचल नहीं हुई।
परिवार और इलाके में शोक
आर्यन के माता-पिता दो दिन से बिना खाए-पिए अपने बेटे के लिए प्रार्थना कर रहे थे। बेटे की मौत की खबर सुनकर उसकी मां बेहोश हो गईं। बोरवेल के पास बड़ी संख्या में लोग बच्चे की एक झलक पाने के लिए जमा थे। विधायक रामविलास मीना और दौसा के डीएम देवेंद्र कुमार भी मौके पर मौजूद रहे।
खुले बोरवेल बने जानलेवा
यह घटना एक बार फिर खुले बोरवेल की समस्या को उजागर करती है। प्रशासन और सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है। आपदा मंत्री किरोड़ी लाल ने राहत कार्य के लिए 10 लाख रुपये जारी किए थे, लेकिन बच्चा बचाया नहीं जा सका।
आर्यन की मौत ने सभी को झकझोर दिया है। यह घटना प्रशासन और नागरिकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि खुले बोरवेलों को तुरंत बंद कर इन खतरों को रोका जाए।